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गाजीपुर नगर पालिका दबाए बैठी है 27 करोड़, ठंडे बस्ते में जा सकता है ये प्रोजेक्ट

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर नगर के महत्वाकांक्षी योजना सीवर प्रोजेक्ट का ठंडे बस्ते में जाने का खतरा मंडरा है। वजह नगर पालिका की ओर से अपने हिस्से का 27 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करना है। बजट की कमी से कभी भी सीवर प्रोजेक्ट का कार्य रुक सकता है।
दरअसल नगर में पांच वर्षों से सीवर प्रोजेक्ट का कार्य चल रहा है। जलनिगम की ओर से यह कार्य कराया जा रहा है। सीवर प्रोजेक्ट का कुल बजट 135 करोड़ रुपये का है। इसमें 40-40 प्रतिशत धनराशि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से देना है। केंद्र तथा राज्य सरकार की ओर से अपने-अपने हिस्से का 54-54 करोड़ रुपये अवमुक्त कर दिया गया है। शेष 20 प्रतिशत की धनराशि नगर पालिका प्रशासन को भुगतान करना है। नगर पालिका प्रशासन अपने हिस्से का 27 करोड़ रुपये दबाए बैठी है। इस धनराशि के भुगतान के लिए लिए जलनिगम शहरी की ओर से दस महीने से नगर पालिका प्रशासन से पत्राचार किया जा रहा है। 

अब तक लगभग दर्जन भर पत्र लिखे जा चुके हैं। जलनिगम शहरी की ओर से केंद्र तथा राज्य सरकार की ओर से मिले 108 करोड़ रुपये के बजट से नगर में सीवर बिछाने का कार्य पूरा कर दिया गया है। वर्तमान में इंटरकनेक्शन और होम कनेक्शन का कार्य चल रहा है। लेकिन, जलनिगम को नगर पालिका की ओर से अब तक 27 करोड़ रुपये नहीं दिए गए हैं। इसके कारण कभी भी इंटरकनेक्शन और होम कनेक्शन का कार्य रुक सकता है।

गाजीपुर नगर में जलनिगम की ओर से अमृत भारत योजना के तहत 103 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई गई है। नगर के 25 वार्डों में सीवर लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है। हालांकि यह प्रोजेक्ट 2022 में ही पूरा होने वाला था। लेकिन, अभी भी प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है। वहीं नगर पालिका की ओर से अपने हिस्से का बजट नहीं दिए जाने के कारण फिर से प्रोजेक्ट का अधर में लटकने का खतरा पैदा हो गया है।

68.65 करोड़ रुपये से हुआ है एसटीपी का निर्माण कार्य
गाजीपुर के देवकठिया के पास एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण 68.65 करोड़ रुपये की धनराशि से हुआ है। वर्तमान में इसका ट्रायल चल रहा है। तीन महीने तक ट्रायल पूरा होने के बाद इसको सीवर लाइन से कनेक्ट किया जाएगा। कनेक्शन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीवर के गंदे पानी का शोधन करके उसको बेसो नदी में छोड़ा जाएगा। इससे क्षेत्रीय किसानों को सिंचाई में सहूलियत मिलेगी।
नगर पालिका अपने हिस्से का 27 करोड़ रुपये नहीं दे रही है। इस संबंध में नगर पालिका को कई बार पत्र लिखा जा चुका है।-पीयूष मौर्या, अधिशासी अभियंता जलनिगम
इस प्रकरण में पत्रावलियों का अवलोकन किया जाएगा। इसके बाद जो उचित कदम होगा, उसको उठाया जाएगा। -लोकेश कुमार सिंह, प्रभारी ईओ नगर पालिका
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