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कुएं में गिरे बकरी के बच्चे को निकालने गए दो युवकों की गई जान

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, उन्नाव. पांच फीट चौड़े व 30 फीट गहरे सूखे कुएं में गिरे बकरी के बच्चे को निकालने उतरा पशुपालक व पड़ोसी जहरीली गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गए। दमकल कर्मियों ने पुलिस की मदद से कांटा डालकर दोनों को बाहर निकाला और सीएचसी पहुंचाया। जहां से गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर किया गया है। वहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
नौबतपुर गांव निवासी 40 वर्षीय पशुपालक लाला की बकरी का बच्चा मंगलवार शाम करीब 7.30 बजे घर के आंगन में बने कुएं में गिर गया। उसे निकालने के लिए लाला कुएं में रस्सी के सहारे उतरा। उसके बाहर न आने पर पड़ोसी 25 वर्षीय बबलू भी कुएं में उतर गया। 

काफी देर तक दोनों के बाहर न निकलने पर परिजनों व ग्रामीणों ने ऊपर से आवाज लगाई। कोई उत्तर न मिलने पर उन्हें निकालने का प्रयास शुरू किया। करीब एक घंटे बाद सफलता न मिलने पर ग्रामीणों ने पुलिस व दमकल को जानकारी दी।

8:45 बजे एंबुलेंस व पुलिस पहुंच गई। कुछ देर बाद दमकल भी मौके पर पहुंच गई। जहरीली गैस की चपेट में आने की संभावना पर दमकल कर्मियों ने टार्च की रोशनी मारी तो दोनों कुएं में बेहोश पड़े दिखाई दिए।

कांटा फंसाकर बाहर निकाला
इस पर रस्से में कांटा बांधकर अंदर डाला गया और डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद कपड़ों में कांटा फंसा दोनों को बाहर निकालकर सीएचसी सफीपुर ले जाया गया। हालत गंभीर देख डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां पर डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। दोनों की मौत से परिजन बेहाल हैं। 

सीओ माया राय ने बताया कि परिजनों ने घटना की जानकारी एक घंटे बाद दी। पहले सूचना मिल जाती तो दोनों को जल्दी बाहर निकाल लिया जाता और दोनों की जान बच जाती। 

एफएसओ शिवराम यादव ने बताया कि सूखे और गहरे कुएं में धीरे धीरे कचरा जमा होने से नमी हो जाती है, जिससे मीथेन गैस बनती है। यह गैस जहरीली और जानलेवा होती है। इसी गैस की चपेट में आने पर दोनों की मौत की संभावना जताई है।
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