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पेपर लीक और साल्वर गैंग को रोकने के लिए योगी सरकार लाएगी नया कानून, जानिए क्या होगा प्रावधान

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक रोकने के लिए योगी सरकार नया कानून लाएगी, जिसमें पेपर लीक और साल्वर गैंग जैसी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई का प्रावधान किया जाएगा। इसके निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया तेज करने के लिए आयोजित बैठक में अधिकारियों को दिए। चयन परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और गोपनीयता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चयन प्रक्रियाओं में व्यापक सुधार पर जोर दिया जाए। साथ ही चयन प्रक्रिया को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए।
पेपर सेट करने की प्रक्रिया, उनकी छपाई, कोषागार तक पहुंचाने, कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की व्यवस्था, परीक्षा के बाद OMR आयोग तक पहुंचाने OMR की स्कैनिंग, परिणाम तैयार करने सहित पूरी व्यवस्था में भी जरूरी बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग एजेंसियों का उपयोग करें। एजेंसी के रिकॉर्ड की भलीभांति जांच करने के बाद ही दायित्व दिया जाए। हर पाली में 02 या अधिक पेपर सेट जरूर होने चाहिए। प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी का माध्यम से कराया जाना चाहिए। पेपर कोडिंग को भी और व्यवस्थित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी किया जाए। कड़ाई के साथ उसका अनुपालन करें। कैलेंडर के अनुसार परीक्षा न होने से अभ्यर्थियों को असुविधा होती है, इसका ध्यान रखा जाए। सभी चयन आयोग समन्वय के साथ यह सुनिश्चित करें कि एक दिन में एक ही परीक्षा आयोजित की जाए। सीएम ने कहा कि कुछ पदों के लिए शैक्षिक अर्हता निर्धारण में 'समकक्ष योग्यता' के संबंध में विसंगतियों की सूचना मिली है। संबंधित विभाग ऐसे प्रकरण का समाधान कर आयोग को सही जानकारी उपलब्ध कराएं।

चयन परीक्षाओं के सेंटर के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज अथवा साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न वित्त पोषित शैक्षिक संस्थान ही सेंटर बनाए जाएं। सेंटर वहीं होंगे, जहां सीसीटीवी की व्यवस्था होगी। यह भी सुनिश्चित कराएं कि परीक्षा केंद्र नगरीय क्षेत्र में ही हों। परीक्षा केंद्र निर्धारण में महिलाओं और दिव्यांगों की जरूरतों का ध्यान रखा जाए। अगर किसी एडेड कॉलेज को सेंटर बनाया जाता है तो संबंधित प्रबंधक परीक्षा व्यवस्था में कहीं से भी सम्मिलित न हो। केंद्र व्यवस्थापक के रूप में दूसरे संस्थान के प्रधानाचार्य को जिम्मेदारी दी जाए। जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक को भी व्यवस्था से जोड़ें। गड़बड़ी हुई तो इनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक, प्राविधिक, व्यावसायिक आदि शिक्षण संस्थानों में शिक्षक चयन की प्रक्रिया में बड़ा सुधार करते हुए हाल ही में शिक्षा सेवा आयोग का गठन किया गया है। इसके सदस्य नामित किए जा चुके हैं, अध्यक्ष की नियुक्ति भी यथाशीघ्र कर दी जाएगी। आयोग द्वारा चयन की कार्रवाई समय से शुरू करने को कहा गया है।
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