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गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक बिछेगी तीसरी रेल लाइन, सर्वे शुरू

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक तीसरी रेल लाइन (थर्ड लाइन) बिछेगी। लगभग 425 किमी मुख्य रेलमार्ग पर थर्ड लाइन बिछाने का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। रेलवे प्रशासन ने थर्ड लाइन के लिए चरणवार सर्वे कार्य शुरू कर दिया है।
गोंडा- बुढ़वल खंड पर 61.72 किमी तक तीसरी रेल लाइन निर्माण के लिए हरी झंडी मिल गई है। निर्माण पर 714.34 करोड़ की लागत आएगी। इस तीसरी रेल लाइन का कार्य चार चरणों में पूरा किया जाना है। परियोजना के द्वितीय चरण में करनैलगंज-घाघरा घाट (21.77 किमी), तृतीय चरण में घाघरा घाट-बुढ़वल (11.77 किमी) तथा चतुर्थ चरण में गोंडा जं.- गोंडा कचहरी (4.88 किमी.) खंड का कार्य पूरा किया जाएगा।

गोंडा कचहरी-करनैलगंज तक (23.65 किमी) तीसरी लाइन का निर्माण पूरा हो गया है। चार जुलाई को स्पीड ट्रायल की तैयारी है। गोरखपुर के रास्ते खलीलाबाद से बैतालपुर तक 85 किमी तीसरी रेल लाइन के लिए सर्वे कार्य पूरा कर डिटेल प्रोजेक्ट भी तैयार हो चुका है।

इस रेलमार्ग पर कैंट से डोमिनगढ़ तक दिसंबर 2024 तक तीसरी रेल लाइन बिछ जाएगी। जानकारों का कहना है कि गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक डबल लाइन पर ट्रेनें 110 की रफ्तार से चल रही हैं। विद्युतीकृत तीसरी रेल लाइनें भी 110 की गति के लायक तैयार की जा रही है।

पूर्वोत्तर रेलवे की नई तीसरी रेल लाइनें भी 110 किमी प्रति घंटे के लायक तैयार हो रही हैं। कैंट से कुसम्ही तक पहली दस किमी थर्ड लाइन पर 110 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है।

थर्ड लाइन के निर्माण से पूर्वोत्तर रेलवे की भी ट्रैक क्षमता बढ़ जाएगी। मांग के अनुसार अधिक से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा। मालगाड़ियों के लिए एक अलग मार्ग मिल जाएगा। यात्री ट्रेनें निर्बाध गति से चल सकेंगी। गोरखपुर जंक्शन के आसपास वाले स्टेशनों पर ट्रेनों का बेवजह ठहराव कम होगा। ट्रेनों की लेटलतीफी दूर होगी। यात्री गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।

पूर्वोत्तर रेलवे में दोहरीकरण (डबलिंग) का कार्य भी तेज गति से आरंभ हो गया है। गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक मुख्य मार्ग के बाद अब साइड लाइनों का भी दोहरीकरण युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है। भटनी से औड़िहार रेलमार्ग पर दोहरीकरण अंतिम चरण में है।

बनारस से प्रयागराज तक डबलिंग का कार्य पूरा हो चुका है। गोरखपुर कैंट से वाल्मीकिनगर तक का दोहरीकरण भी आरंभ हो चुका है। टेंडर के बाद स्टेशनों और रेल लाइनों पर निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इन रेल लाइनों का दोहरीकरण पूरा होने के बाद तीसरी लाइन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे में तेजी से इंफ़्रास्ट्रक्चर विस्तार का कार्य किया जा रहा है। छोटी लाइन, बड़ी लाइन फिर दोहरीकरण और अब तीसरी लाइन का जाल बिछाया जा रहा है। जिससे यात्रियों की मांग के अनुरूप अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का मार्ग सुगम हो सके। इसीक्रम में गोंडा कचहरी से करनैलगंज के मध्य तीसरी लाइन का कार्य के अन्तर्गत नॉन-इंटरलॉकिंग का कार्य प्रगति पर है।
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