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सपा विधायक इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा, विधायक की कुर्सी भी छिनेगी

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. सपा विधायक इरफान सोलंकी को कानपुर की MP/MLA कोर्ट ने जाजमऊ आगजनी केस में 7 साल की सजा सुनाई है। 30 हजार 500 का जुर्माना भी लगाया गया। महराजगंज जेल से ‌‌वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से इरफान की पेशी हुई। इसी केस में इरफान 2 दिसंबर, 2022 से जेल में बंद हैं।
इरफान के भाई रिजवान सोलंकी के अलावा उसके साथियों इजराइल आटावाला, मो. शरीफ और शौकत अली को भी 7 साल की सजा सुनाई गई है। रिजवान पर 30 हजार 500 और बाकी 3 दोषियों पर 29 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया।

सजा सुनाए जाने के समय इरफान को छोड़कर चारों दोषी कोर्ट में मौजूद रहे। इससे पहले शुक्रवार को दोपहर में चार दोषियों रिजवान सोलंकी, इजराइल आटावाला, मो. शरीफ और शौकत अली को प्रिजन वैन से कोर्ट लाया गया।

7 साल की सजा होने के बाद अब कानपुर की सीसामऊ सीट से इरफान की विधायक की कुर्सी भी चली जाएगी। वहीं, फैसला सुनाने से पहले सभी दोषियों के परिजनों को कोर्ट परिसर से बाहर कर दिया गया। कोर्ट परिसर में हंगामे के चलते पुलिस ने सभी को जबरन बाहर निकाला।

रिजवान सोलंकी ने कोर्ट से बाहर निकलते हुए कहा- हम लोग बेगुनाह हैं। हम अखिलेश यादव के साथ हैं और उनके साथ ही रहेंगे। हम लोगों से जिस तरह से 30 साल की सीट छीनने का काम किया जा रहा है, उसमें कोई कामयाब नहीं होगा। मुझे अल्लाह की तरफ से इंसाफ मिलेगा। उच्च न्यायालय में हम सभी लोग बरी होंगे।

कोर्ट का फैसला आने के बाद इरफान के वकील करीम अहमद सिद्दीकी ने कहा- हम जजमेंट से खुश नहीं हैं। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

सजा सुनाए जाने से पहले दोपहर 3 बजे कोर्ट में अभियोजन और बचाव पक्ष ने कोर्ट में दलीलें दीं। अभियोजन पक्ष की वकील प्राची श्रीवास्तव ने कहा- दोषी इरफान सोलंकी लोक सेवक हैं। उनकी जिम्मेदारी दूसरों से ज्यादा थी। उनका अपराध गंभीर है, इसलिए कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इससे समाज में नजीर पेश होगी। पीड़िता गरीब और बेघर है, इसलिए जुर्माने की अधिकतम राशि उसको दी जाए।

बचाव पक्ष के वकील सईद नकवी कहा- इरफान सोलंकी विधायक हैं। सजा से उनकी विधायकी पर भी खतरा है। उन्होंने KDA से प्लॉट खरीदा था। आगजनी के सबूत नहीं हैं। इसलिए कम से कम सजा दी जाए। दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने शाम 6 बजे फैसला सुनाने का समय दिया है।

फैसले को देखते हुए कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई। इरफान के समर्थक भी कोर्ट पहुंच गए। MP/MLA कोर्ट ने 3 जून को इरफान समेत पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया था।

चली जाएगी विधायक की कुर्सी
इरफान सोलंकी कानपुर की सीसामऊ सीट से विधायक हैं। 7 साल की सजा होने के बाद अब उनकी विधायकी चली जाएगी। कानून के मुताबिक, किसी भी जनप्रतिनिधि को 2 साल से ज्यादा सजा होने पर उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है। इसके साथ ही 6 साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाती है। अब आजम खान और उनके बेटे की तरह इरफान सोलंकी की भी विधानसभा सदस्यता रद्द हो जाएगी। ऐसे में सीसामऊ विधानसभा में उपचुनाव होना तय है।

जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान समेत अन्य गुंडों पर पड़ोसी महिला नजीर फातिमा का प्लॉट में बने अस्थाई घर फूंकने का आरोप है। नजीर फातिमा ने 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान, रिजवान समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

आरोप था, 7 नवंबर 2022 को रात 8 बजे उसका परिवार भाई की शादी में गया था। तभी रिजवान सोलंकी, इरफान सोलंकी और उनके साथियों ने घर में आग लगा दी। साजिश के तहत ऐसा किया गया, जिससे वह घर छोड़कर भाग जाए और विधायक परिवार उस पर कब्जा कर ले। आग से गृहस्थी, फ्रिज, टीवी, सिलेंडर और बाकी सामान जल गया था।

रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जाजमऊ पुलिस ने जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि शौकत, शरीफ और इजराइल आटावाला, अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू, शकील चिकना भी इस केस में शामिल थे। इरफान और रिजवान समेत सभी दोषी इस समय में जेल में बंद हैं।

पुलिस ने आगजनी के मुकदमे में तीन आरोप पत्र लगाए थे। पहले में इरफान, रिजवान, शौकत, शरीफ और इजराइल आटावाला के नाम थे। दूसरे में अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू को अभियुक्त बनाया गया। तीसरे आरोप पत्र में शकील चिकना का नाम आया।

इसलिए अभी अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू, शकील चिकना के खिलाफ विचारण होगा। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दिलीप अवस्थी ने बताया कि इरफान, रिजवान, शौकत, शरीफ और इजराइल आटे वाले के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल पूरा हो चुका था।

गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद विधायक और उनके गैंग की करीब 30 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। साथ ही विधायक के 5 ठिकानों पर ED ने छापेमारी की थी। जिसमें संपत्तियों की लंबी फेहरिस्त मिली है। वहीं, जब इरफान कानपुर जेल में बंद थे, तब अखिलेश यादव उनसे मिलने गए थे। इसके बाद उन्हें महराजगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया।
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