गाजीपुर में होमगार्ड बेटे की लाश देख मां ने भी तोड़ा दम, एक साथ उठी माँ-बेटे की अर्थी
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में एक होमगार्ड की मौत की खबर सुनते ही उसकी मां ने भी दम तोड़ दिया। होमगार्ड ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार हो रहा था। तभी अचानक उसके शरीर में तेज दर्द उठा। वो जमीन पर गिर पड़ा। परिवार के लोग उसको अस्पताल ले जाने लगे लेकिन घर में ही उसकी मौत हो गई। इस बात की जानकारी जैसे ही होमगार्ड की मां को लगी वो तेज-तेज रोने लगी। वो रोते हुए बेटे के शव के पास पहुंची और शव देखकर वहीं जमीन पर गिर गई। इसके बाद उसकी भी मौत हो गई।
मामला गाजीपुर के जमानियां थाना क्षेत्र के नगसर नेवाजू राय गांव का है। बुधवार सुबह करीब 10 बजे होमगार्म की मौत हुई है। होमगार्ड की मौत के 10-15 मिनट बाद उसकी मां की भी मौत हो गई है। होमगार्ड की मौत के बाद परिवार के लोग दुखी हो गए।
होमगार्ड का नाम मोहन लाल गुप्ता (45) था। उसकी मां का नाम सरस्वती देवी (80) था। परिवार में हुई दो मौतों के बाद घर के लोगों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। मां-बेटे के शव का एक साथ अंतिम संस्कार कालूपुर स्थित शमशान घाट पर किया गया। पिता ने पत्नी और बेटे को को आग दी।
होमगार्ड मोहन लाल गुप्ता के पिता लखीचंद गुप्ता ने बताया, बेटा रोज की तरह आज भी सुबह उठा। कुछ देर बाहर टहलने के बाद वो नहाने चला गया। उसके बाद पूजा करके मेरे पास आकर बैठा था। नाश्ते के लिए बहू ने आवाज लगाई तो हम दोनों लोग नाश्ता करने गए। साथ में मेरी पत्नी भी थी।
नाश्ता करने के बाद बेटा तैयार होने चला गया। वो ड्यूटी पर जाने के लिए अपनी वर्दी पहन चुका था, तभी अचानक कमरे में गिर गया। बहू के चिल्लाने पर हम लोग कमरे में पहुंचे तो वो शरीर में दर्द होने की बात कह रहा था। हम लोग उसको तुरंत अस्पताल लेकर जा रहे थे लेकिन उसकी वहीं कमरे में ही मौत हो गई।
मां सरस्वती देवी और मोहन लाल गुप्ता की फोटो। |
जैसे ही ये बात मेरी पत्नी को पता चली वो तेज-तेज चिल्लाकर रोने लगी। वो बेटे के शव के पास आई, रोते-रोते नीचे गिरी और उसकी भी मौत हो गई। मोहन लाल हमारा सबसे छोटा बेटा था। इसके साथ मेरी पत्नी का खास लगाव था। कुछ साल पहले ही हमने अपना बड़ा बेटा खोया है। मेरी पत्नी छोटे के जाने का गम बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसकी मौत हो गई।
होमगार्ड मोहन लाल गुप्ता की मौत के बाद पत्नी सरिता बेसुध है। वहीं तीन बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है। मोहन तीन भाइयों में सबसे छोटा था। बड़ा भाई पहले ही गुजर चुका है। अब परिवार में बस एक ही बेटा बचा है। परिवार का खर्चा मोहन की सैलरी से ही चलता रहा था। मोहन की मौत के बाद अब परिवार के सामने आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है।
होमगार्ड के बीओ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मृत होमगार्ड के एक सदस्य को विभाग में नौकरी और पांच लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी। इस दौरान होमगार्ड के जवानों ने अपने साथी को अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार के दौरान होमगार्ड के बीओ विनोद कुमार सिंह, कैलाश, पीसी शिव बचन, रजिन्द्र रावत, रामनिवास, शिवप्रसाद, लक्ष्मण समेत अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे।