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आपके इन्वर्टर बैटरी में हो सकता है धमाका! इसे गर्म होने से कैसे बचाएं, इसको ठंडा रखने के 5 टिप्स

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंसेज हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। आज टीवी, कूलर या पंखा, एसी, फ्रिज के बिना जीवन की कल्पना मुश्किल है।
लेकिन गर्मी के मौसम में बिजली का लोड बढ़ने की वजह से अकसर पावर कट की समस्या से जूझना पड़ता है। इससे निजात पाने के लिए लोग इन्वर्टर का इस्तेमाल करते हैं। इसमें दो पार्ट्स होते हैं। पहला अनइंटरप्टिबल पावर सप्लाई (UPS) और दूसरा बैटरी। इन्वर्टर बैटरी बिजली से चार्ज होती है और जब लाइट चली जाती है तो यह बैटरी UPS के जरिए बिजली सप्लाई करती है।

इन्वर्टर से कई घंटे तक कम वॉट के इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंसेज का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन बिना बाधा बिजली की सुविधा देने वाला यह इन्वर्टर कई बार खतरनाक भी साबित हो सकता है।

बीते दिनों उत्तर प्रदेश के आगरा में एक इन्वर्टर बैटरी में ब्लास्ट होने से घर में आग लग गई, जिसमें एक महिला की जलकर मौत हो गई। वहीं उसका पति आग में झुलस गया।

ऐसी ही दूसरी घटना हरियाणा के हिसार में हुई, जहां एक घर में अचानक इन्वर्टर बैटरी में ब्लास्ट होने से घर में आग लग गई। गनीमत थी कि घटना के समय घर में कोई मौजूद नहीं था।

दरअसल इन्वर्टर बैटरी को अच्छे रख-रखाव की जरूरत होती है। ज्यादा तापमान बढ़ने से बैटरी फट भी सकती है। ऐसे हादसों की वजह से घर में आग लग सकती है और जानमाल दोनों का नुकसान हो सकता है। लेकिन अगर सावधानियां बरती जाएं, इलेक्ट्रिक चीजों का सही रख-रखाव किया जाए तो ऐसी अप्रिय घटनाओं को रोका जा सकता है।
इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे इन्वर्टर बैटरी की सेफ्टी की।

साथ ही जानेंगे कि-
बैटरी के गर्म होने का क्या कारण है?
बैटरी को लेकर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

सवाल- इन्वर्टर की बैटरी कब और क्यों ज्यादा गर्म हो जाती है?

जवाब- बैटरी के गर्म होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसेकि-

  1. बैटरी की क्षमता एम्पीयर आवर्स (Ah) में मापी जाती है। हर बैटरी पर यह लिखा होता है कि उसे कितने एम्पीयर से चार्ज कर सकते हैं। मान लीजिए कि 150 एम्पीयर की कोई बैटरी है और उस पर C20 लिखा हुआ है। इसका अर्थ है कि उस बैटरी को 10 एम्पीयर से ही चार्ज कर सकते हैं। 12 या 15 एम्पीयर से चार्ज करने पर बैटरी गर्म हो जाएगी। वहीं इससे ज्यादा एम्पीयर से चार्ज करने पर बैटरी फट भी सकती है।
  2. हर बैटरी में इंडिकेटर होता है। इंडिकेटर के लेवल से नीचे डिस्टिल्ड वाटर जाने पर बैटरी गर्म हो सकती है क्योंकि बैटरी डिस्टिल्ड वाटर के जरिए ही चार्जिंग लेती है। डिस्टिल्ड वाटर के कम होने से बैटरी की प्लेट्स पर लोड बढ़ जाता है। इससे बैटरी गर्म होने लगती है।
  3. इसके अलावा इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि इन्वर्टर से हम कौन से इलेक्ट्रिक अप्लायंसेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। लाइट-पंखा चलाना तो ठीक है, लेकिन अगर आप ग्राइंडर मशीन, ड्रिल मशीन या मिक्सर जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इससे इन्वर्टर पर लोड पड़ता है और बैटरी गर्म होकर फट सकती है।

कोई भी इन्वर्टर बैटरी बहुत ज्यादा गर्म होने की वजह से फट सकती है।

सवाल- बैटरी को ज्यादा गर्म होने से बचाने के लिए क्या करें ?

जवाब- बैटरी किसी भी इन्वर्टर की रीढ़ होती है। बिना बैटरी के इन्वर्टर किसी काम का नहीं है। इन्वर्टर की लाइफ भी बैटरी की क्वालिटी और रख-रखाव पर निर्भर करती है। इसलिए इन्वर्टर के लिए बैटरी खरीदते समय एम्पीयर और उसकी गारंटी या वारंटी जरूर देखें।

बैटरी को जंग लगने से बचाना जरूरी

बैटरी के टर्मिनलों में जंग लगने से करंट का फ्लो कम हो जाता है। इससे चार्जिंग स्पीड धीमी हो जाती है। जंग की वजह से बैटरी की लाइफ और इन्वर्टर के बैकअप पर भी बुरा असर पड़ता है।

बैटरी का इस्तेमाल नियमित करें

इन्वर्टर बैटरी का नियमित इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आपके घर या ऑफिस में बिजली कटौती नहीं होती है, फिर भी हर महीने कम-से-कम एक बार बैटरी को पूरी तरह से डिस्चार्ज करें और दोबारा चार्ज करें। ऐसा करने से बैटरी का बैकअप स्ट्रॉन्ग होता है।

वेंटिलेशन का ध्यान रखें

बैटरी को ऐसी जगह पर रखें, जहां वेंटिलेशन के लिए पर्याप्त जगह हो। क्योंकि चार्जिंग के दौरान बैटरी गर्म होती है। इसलिए बैटरी के आसपास कमरे का तापमान ठंडा होना जरूरी है। साथ ही बैटरी के आसपास हमेशा साफ-सफाई बनाए रखें, जिससे उसके टर्मिनल में जंग न लगे।

बैटरी का वाटर लेवल जरूर चेक करें

बैटरी के इस्तेमाल के साथ उसके वाटर लेवल में भी कमी आ जाती है। इसलिए हर दो महीने में बैटरी के वाटर लेवल को जरूर चेक करें। ऐसा करने से बैटरी को गर्म होने से बचा सकते हैं।

इन्वर्टर की भार क्षमता से अधिक लोड न हो

घर में कितने इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंसेज हैं और उनका लोड क्या है, इसकी जानकारी होना जरूरी है। जिससे आप लोड के मुताबिक इन्वर्टर की बैटरी खरीद सकें। क्योंकि बिजली जाने पर जितना अधिक लोड होगा, उतनी ही बैटरी की एनर्जी खत्म होगी। इससे बैटरी की बैकअप पावर कम होगी। इस्तेमाल न होने पर अतिरिक्त लोड को डिसकनेक्ट कर सकते हैं।

इन तरीकों को अपनाकर आप अपने इन्वर्टर की बैटरी को एकदम ठीक रख सकते हैं। इससे बैटरी बेहतरीन बैकअप भी देगी।

सवाल- क्या इन्वर्टर बैटरी में नल का या RO का पानी डाल सकते हैं?

जवाब- बिल्कुल नहीं। इन्वर्टर की बैटरी में सिर्फ डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करना चाहिए। कभी भी नल का पानी, RO, एयर कंडीशनर का पानी या बारिश के पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसे वाटर से बैटरी की लाइफ और परफॉर्मेंस दोनों कम होते हैं।

सवाल- अगर इन्वर्टर की बैटरी बैकअप कम दे रही है तो कैसे पता करें कि बैटरी डेड हुई है या नहीं?

जवाब- बैटरी के ऊपरी हिस्से पर 6 सेल (ढक्कन) होते हैं। बैटरी डेड हुई है या नहीं, यह देखने के लिए चार्जिंग के समय बैटरी के ढक्कनों को खोलें और देखें कि बैटरी के अंदर पानी से बुलबुले या उबलने जैसी हरकत हो रही है या नहीं।

अगर सभी ढक्कनों से पानी उबलने जैसा लग रहा है तो आपकी बैटरी पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन अगर किसी एक सेल के पानी में भी कोई हरकत नहीं हो रही है तो इसका मतलब है कि वह सेल डेड हो चुकी है।

सवाल- इन्वर्टर बैटरी खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

जवाब- अगर आपके क्षेत्र में बिजली की कटौती ज्यादा होती है तो 75-80Ah पावर बैटरी खरीदना एक अच्छा ऑप्शन है। कभी भी लोकल वेंडर से इन्वर्टर या उसकी बैटरी न खरीदें। विश्वसनीय ब्रांड का ही सामान खरीदें। साथ ही इन्वर्टर के लिए नॉर्मल बैटरी की बजाय ट्यूबलर बैटरी खरीदनी चाहिए। यह जल्दी चार्ज होती है और इसकी लाइफ भी ज्यादा होती है।

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