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गाजीपुर जिले के निवासी पुलिसकर्मी की सड़क हादसे में मौत

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, सोनभद्र. सोनभद्र में सड़क हादसे में एक दरोगा की मौत हो गई। वह नए कानून के प्रशिक्षण के लिए जिला मुख्यालय जा रहे थे तभी हाथीनाला थाना क्षेत्र के जंगल में कार एक पेड़ से टकरा गई। हादसा होते ही कार 5 मीटर गहरे गड्ढे में पलट गई।
राहगीरों ने देखा तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरोगा को कार से निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। जहां जांच के बाद डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। बता दें कि दरोगा उमेश राय मूल रूप से गाजीपुर जिला के भावंरकोल थाना क्षेत्र के परसदा गांव के रहने वाले थे। पांच महीने पहले ही सोनभद्र के विंधमगंज थाने में तैनाती हुई थी। बता दें कि दरोगा उमेश राय (45) विंधमगंज में करीब 5 माह से तैनात थे। रविवार को सोनभद्र में नए कानून को लेकर प्रशिक्षण होना था। जिसमें शामिल होने के लिए वह शनिवार रात में ही जा रहे थे।

वह शाम 7:30 बजे विंधमगंज से निकले थे। कार से जाते समय हाथीनाला के जंगल में पहुंचते ही हाथीनाला थाना से करीब 4 किलोमीटर पहले दरोगा की गाड़ी अनियंत्रित हो गई और एक पेड़ से टकराकर 5 फीट गड्ढे में जा गिरी। रात 10:30 बजे के करीब किसी गाड़ी वाले ने गड्ढे में गिरी गाड़ी को देख पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दरोगा को गाड़ी से बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टर ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि रात में घटना हुई। हादसे में दरोगा उमेश राय की मौत हो गई। घटना के बारे में परिजन को सूचना दे दी गई है। शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

बता दें कि जहां हादसा हुआ वहां से थाने की दूरी 4 किमी है। जबकि विंधमगंज से हाथीनाला की दूरी 38 किमी है। लोगों का कहना है कि उमेश राय को करीब 1 घंटे में ही हाथीनाला थाना पहुंच जाना चाहिए था। लेकिन उनके हादसे की सूचना पुलिस को तीन घंटे बाद मिली। वो भी जब किसी ने थाने में आकर हादसे के बारे में बताया। बता दें कि दुद्दी से हाथी नाला के बीच 17 किलोमीटर तक जंगल में कोई नेटवर्क नहीं पकड़ता।

लोगों का कहना है, हो सकता है हादसे के बाद दरोगा ने फोन मिलाने की कोशिश की हो, लेकिन नेटवर्क न होने से फोन न लगा हो। जिसके बाद वो घायल ही जंगल में तीन घंटे तक पड़े रहे। कोई भी मदद के लिए नहीं आ पाया।
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