साइबर गैंग के गाजीपुर के 5 समेत 12 सदस्य अरेस्ट, 84 मोबाइल, 12 लैपटॉप बरामद, फर्जीवाड़ा कर 2.53 करोड़ कमाए
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. प्रयागराज पुलिस ने ऑनलाइन जालसाजी करने वाले बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर करोड़ों का खेल कर रहा था। यह शातिर क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी, लूडो, चेस, कार रेस, बॉक्सिंग जैसे खेलों के जरिए रुपए लगवाते थे। इसके लिए 3 वेबसाइट का इस्तेमाल होता है।
1. वेबसाइट लेजर
2. 99 एक्सचेंज
3. 11 एक्स प्ले
गैंग के संचालक पहले ऑनलाइन गेमिंग में लड़कों को जिता देते थे, ताकि उनकी लत बढ़ जाए। फिर बढ़ी रकम लगने पर उन्हें हरा कर लाखों कमाते था। गेमिंग का पूरा फार्मेट गैंग के पास होता था। ऐसे में वह जब चाहे जिसे चाहे हरा और जिता सकते थे।
DCP यमुना नगर श्रद्धा नरेंद्र पांडेय की स्पेशल टीमें इस गिरोह की गतिविधियों को वॉच कर रही थी। सटीक जानकारी और सुराग पाने के बाद मंगलवार को गिरोह के 12 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया। शातिरों के पास से 42 मोबाइल बरामद किया है। साथ ही 12 लैपटॉप, 52 सिम कार्ड बरामद हुए। पकड़े गए गिरोह के पास से ऑनलाइन गेमिंग संचालन से कमाई रकम का ब्योरा मिला है। इसमें दो करोड़ 53 लाख रुपए का लेखा-जोखा है जिसे लेकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
बिहार के गोपालगंज से भी गिरफ्तारी
यहां पकड़े गए गिरोह के तार बिहार के गोपालगंज से जुडृे हैं। धरपकड़ के बाद प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस ने बिहार पुलिस से संपर्क कर जानकारी साझा की तो वहां भी 12 आरोपी पकड़े गए। उनके पास से 42 मोबाइल बरामद हुए हैं जिनसे यह पूरा सिस्टम संचालित किया जा रहा था।
DCP यमुना नगर श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने गिरोह के पकड़े जाने के बाद उन्हें पुलिस लाइन सभागार में मीडिया के सामने पेश किया। बताया कि ऑनलाइन गेमिंग के लिए इन लोगों ने तीन साइट बनाई हुई थी। सोशल मीडिया साइट पर बड़ी गेमिंग कंपनियों की तरह यह एड देते थे।
सोशल मीडिया पर प्रचार, एंट्री फीस भी
फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, वाट्सएप ग्रुप समेत अन्य प्लेटफार्म पर अपनी तीनों साइट का प्रचार कर युवाओं को गेम खेलने पर मोटी रकम मिलने का लालच देते थे। इसके बाद 100 रुपए की एंट्री फीस पर उसे मेंबर बनाकर फ्राड करते थे।
खिलाड़ियों को फंसाने के लिए शुरुआती दौर में वह 30 से 35 हजार रुपये तक जिता भी देते थे ताकि खिलाड़ी को विश्वास हो जाए और वह लाखों की रकम लगाने लगे। जैसे ही मोटी रकम लगती वह गेम हरा देते थे। इनके 11 बैंक खातों का पता चला है जिसमें रुपए ट्रांसफर होते थे। पकड़े गए गिरोह के सदस्यों ने नैनी इलाके में एक अपार्टमेंट किराए पर ले रखा था। हर दो माह बाद घर बदल देते थे। अपार्टमेंट में छापामारी में बहुत सारे लोगों के आधार कार्ड भी मिले हैं। अरेस्ट करने वाली टीम में इंस्पेक्टर साजिद अली, एसओजी के रणजीत सिंह, विवेक कुमार, रमानंद शर्मा आदि शामिल हैं।
गिरफ्तार साइबर ठग
- सूरज चौरसिया निवासी प्रतापगढ़।
- पीयूष यादव उर्फ प्रिंस निवासी गाजीपुर।
- घनश्याम वर्मा निवासी छत्तीसगढ़।
- हिमांशु यादव निवासी गाजीपुर।
- मनीष निषाद निवासी छत्तीसगढ़।
- अजीम फरीद निवासी गाजीपुर।
- शादाब निवासी गाजीपुर।
- प्रवीण वर्मा निवासी छत्तीसगढ़।
- विजय निषाद निवासी छत्तीसगढ़।
- राहुल कामले निवासी छत्तीसगढ़।
- मो. समीर निवासी भदोही।
- आशुतोष यादव निवासी गाजीपुर।