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CM योगी ने नए कानून लागू होने से पहले की तैयारियों की समीक्षा, अधिकारियों को दिए निर्देश

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्याय प्रणाली को और सशक्त बनाने के लिए हर जिले में फाेरेंसिक लैब स्थापित कराए जाने का निर्देश दिया है। कहा, सभी फाेरेंसिक लैब में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा भी होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए उप्र स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फाेरेंसिक साइंस का सहयोग लिया जाए। रेंज स्तर पर स्थापित सभी फाेरेंसिक लैब में जरूरी संसाधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराई जाए।

इसके साथ हर जिले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेशी की सुविधा भी होनी चाहिए। प्रस्ताव तैयार कर इस कार्य को प्राथमिकता पर पूरा किया जाए। योगी ने एक जुलाई से लागू होने जा रही नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा की। 

कहा, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून लागू होने से पहले नए प्रविधानों व बदलाव के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए। 30 जून तक निरीक्षक, उपनिरीक्षक, अभियोजक, आरक्षी, जेल कर्मचारी सभी का प्रशिक्षण पूरा करा लिया जाए। 

कहा, भारतीय मूल्यों को ध्यान में रखकर बनाए गए तीनों नए कानूनों से आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक परिवर्तन होगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि तीनों नए कानून के लागू होने से पूर्व इनसे जुड़े राज्य स्तरीय अधिनियम, नियमावली, एसओपी व शासनादेशों में संशोधन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। 

नए कानून में तकनीक का बड़ा महत्व है। इनमें डेटा एनालिटिक्स, साक्ष्यों के संकलन, ई-कोर्ट, दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन जैसी हर प्रक्रिया में तकनीक का उपयोग किया जाना है। इसके लिए आवश्यक तकनीकी बदलाव को बिना देरी के सुनिश्चित किए जाए। 

अधिकारी इस बात का पूरा ध्यान रखें कि नए कानून सहजता से लागू किए जा सकें और अपने उद्देश्यों में सफल हों। उन्होंने कहा कि तीनों नए कानूनों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना भी आवश्यक है। बेहतर होगा कि इससे जुड़ी सामग्री की किट तैयार की जाए।
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