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बनारस का दिलचस्प चुनावी रण, PM मोदी बनाएंगे जीत की हैट्रिक या अजय राय के दावे होंगे सच

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. लोकसभा चुनाव में यूपी की सबसे हाईप्रोफाइल सीट वाराणसी, जहां से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी मैदान में हैं। इस सीट से नरेंद्र मोदी भाजपा से तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। मोदी के खिलाफ आईएनडीआईए से कांग्रेस प्रत्याशी और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय मैदान में हैं। वह यहां लगातार तीन लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। बसपा ने सपा छोड़कर आए अतहर जमाल लारी को मैदान में उतारा है। हालांक‍ि, मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। यहां इस बार कुल सात प्रत्याशी हैं।
18वीं लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार सुबह सात बजे से मतगणना शुरू होने के साथ ही उलटी ग‍िनती शुरू हो जाएगी। इस खबर में हम आपको उन्नाव लोकसभा के परिणाम का पल-पल का अपडेट दे रहे हैं… रुझानों में किस प्रत्याशी को बढ़त मिल रही है, कौन बड़े अंतर से पिछड़ रहा है।

वाराणसी लोकसभा सीट का हाल
वाराणसी लोकसभा सीट की बात करें तो 1991 से यहां बीजेपी पर दबदबा रहा है।
1991 के चुनाव में यहां पार्टी के उम्मीदवार श्रीश चंद्र दीक्षित ने जीत दर्ज की थी।
1996, 1998, 1999 तक शंकर प्रसाद जायसवाल यहां से बीजेपी के सांसद थे। हालांकि, 2004 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर उलटफेर हुआ।
इस सीट कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा ने जीत हासिल की थी।
2009 में फिर एक बार ये सीट बीजेपी के पास चली गई और मुरली मनोहर जोशी सांसद बने। तब से अब तक यह सीट बीजेपी के पास है।
2014, 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद पार्टी ने तीसरी बार भी नरेंद्र मोदी को इस सीट पर चुनावी मैदान में उतारा है।
2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने करीब छह लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने सपा की शालिनी पाठक को शिकस्त दी थी।
इस बार आईएनडीआईए से कांग्रेस प्रत्‍याशी अजय राय प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं।

वाराणसी लोकसभा सीट
कुल उम्मीदवार - 7
कुल मतदाता : 19,62,699
पुरुष मतदाता : 10,65,343
महिला मतदाता : 8,97,221

ये स्थानीय मुद्दे हावी
शहरी क्षेत्र में जाम प्रमुख समस्या है। तेजी से कुछ और ओवरब्रिज का निर्माण कराया जाए।
गलियों में सीवर, पेयजल आदि की कुछ समस्याएं है जिसे दूर करने की जरूरत है।
गंगा में अब भी कई स्थानों पर सीधे सीवर गिर रहा है। उसे तत्काल रोकने की जरूरत है।
नवशहरी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को और भी तेजी से पूरा कराया जाए।
दक्षिण भारत के लिए नियमित ट्रेन की सुविधा बढ़े।
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