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सांसदों ने ली शपथ...अफजाल अंसारी ताकते रहे, अखिलेश यादव के बगल बैठकर लौट आए, जानें क्यों

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर लोकसभा सीट सांसद चुने गए अफजाल अंसारी अभी तक संसद में शपथ नहीं लिए है। जिसको लेकर जिले के सियासी गलियारों में चर्चा गरम है। शपथ न लिए जाने के पीछे न्यायालय के आदेश को वजह बताई जा रही है।
गाजीपुर लोकसभा सीट से सपा सांसद अफजाल अंसारी को लोकसभा में शपथ नहीं दिलाई गई। गाजीपुर लोकसभा सीट से अफजाल अंसारी भाजपा के पारसनाथ राय को हराकर संसद पहुंचे हैं। न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए शपथ नहीं दिलाई गई। सपा के सांसद ने फैसला किया है कि वह कानूनी कार्रवाई करेंगे। बता दे कि माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी की टिकट पर गाजीपुर से सांसद हैं।

संसद में अफजाल ने सांसदों से की मुलाकात
मंगलवार को अफजाल उस समय संसद में पहुंचे थे, जब उत्तर प्रदेश के सांसदों को शपथ दिलाई जा रही थी। इस दौरान साथी सांसदों से उनकी मुलाकात हुई। इसके बाद वह अखिलेश यादव के बगल में बैठ गए। कुछ देर के लिए अखिलेश और अफजाल में बातचीत हुई। जब यूपी के आखिरी सांसद रॉबर्ट्सगंज के छोटेलाल को शपथ दिलाई गई, उसके थोड़ी देर पहले वह सदन से उठ करके चले गए।

शपथ नहीं दिलाए जाने का क्या है कारण?
जानकारी के अनुसार लोकसभा सचिवालय ने एक आदेश पारित किया है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अफजाल अंसारी की अपील के सन्दर्भ में जो 14 दिसम्बर 2023 को आदेश पारित करके गाजीपुर स्पेशल न्यायालय द्वारा ट्रायल 980/2012 में अपीलर्थी अफजाल अंसारी को दी गई दोष सिद्धि के आदेश को निलंबित कर दिया था। तब उसी आदेश में उन्हें सदन की कार्रवाई में भी भाग लेने से रोका गया था। ऐसी स्थिति में आज सदन में आयोजित निर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह भी लोकसभा की कार्रवाई का हिस्सा है। इसलिए अफजाल अंसारी को इस में शपथ नहीं दिलाई गई।

हाईकोर्ट में 2 जुलाई को होनी है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2023 को अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में मिली सजा पर रोक तो लगा दी थी, लेकिन कई शर्तें भी रखीं थीं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट से अफजाल अंसारी की अपील पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक वह ना तो संसद की कार्रवाई में हिस्सा ले सकते हैं और ना ही सदन में किसी मुद्दे पर वोटिंग कर सकते हैं। अफजाल अंसारी तीसरी बार सांसद चुने गए है। इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी पारसनाथ राय को 1 लाख 24 हजार 266 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। हालांकि अफजाल अंसारी को गैंगेस्टर मामले में सजा हुई है। इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई की तिथि 2 जुलाई नियत है।

सजा पर रोक लगाते हुए लगाई थी पांच शर्तें
बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के परिवार के अधिवक्ता सुदिष्ट सिंह के मुताबिक अफजाल अंसारी सांसद निर्वाचित होने के बाद अगर संसद सदस्य के पद की शपथ लेते हैं, तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी अवमानना होगी। उनके मुताबिक दिसंबर 2023 का सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश है। उसमें यह बिल्कुल स्पष्ट है। सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में मिली सजा पर रोक लगाते हुए पांच शर्तें लगाई हैं। पहली शर्त यह थी कि गाजीपुर में उपचुनाव नहीं होंगे।

दूसरा वह सदन की किसी कार्रवाई में हिस्सा नहीं लेंगे। सांसद निधि का उपयोग नहीं करेंगे। वोटिंग भी नहीं करेंगे। जब तक कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेंडिंग अपील निस्तारित नहीं हो जाती है। इसके साथ ही तब तक शपथ भी नहीं ले सकते हैं। जब तक कि अपील निर्णीत ना हो जाए। अधिवक्ता सुदिष्ट सिंह का कहना है कि शपथ लेना भी प्रोसिडिंग का ही हिस्सा है।

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