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गाजीपुर में लगी भीषण आग 64 झोपड़ियां खाक, आधा से ज्यादा गांव साफ, कई जानवर जिंदा जले

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में रेवतीपुर थाना क्षेत्र के नरायनापुर गांव में‌ मंगलवार सुबह अचानक आग लग गई। देखते ही देखते 29 लोगों की 64 झोपड़ियां जल कर राख हो गई। आग पहले एक झोपड़ी में लगी। हवा और तेज धूप से आग ने जल्द ही विकराल रूप ले लिया।
ग्रामीणों ने देखते ही शोर मचाया सभी इकट्‌ठा हो गए। आग बुझाने की कोशिश की जाने लगी। लपटें इतनी तेज थी कि आग के पास लोग नहीं जा पा रहे थे। झोपड़ी में बंधे कई मवेशी जलकर मर गए।

ग्रामीणों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचित किया। जब तक दमकल पहुंचता बहुत देर हो चुकी थी। आग की जद में 64 झोपड़ी आ चुकी थी। लगभग आधा गांव धू-धू कर जल रहा था। सूचना पर पहुंची दो दमकल की गाड़ियों ने आग पर 4 घंटे में आग पर काबू पाया।

सूचना पर पहुंचे हल्का लेखपाल उपेन्द्र कुमार शर्मा ने नुकसान का सर्वे रिपोर्ट बनाकर जिला अधिकारी को दी। वहीं एसडीएम संजय यादव ने ग्रामीणों की हर संभव मदद करने को कहा। साथ ही सरकारी लाभ दिलाने की बात कही।

ग्रामीणों ने बताया कि झोपड़ी समेत सब्जी मंडी भी इस भीषण आग की चपेट में आने जलकर राख हो गई। आग लगने से घर गृहस्थी का पूरा सामान, खाद्यान्न, जल गया। जिसमें करीब दस लाख से अधिक का नुकसान हुआ है।

साथ ही घटना में 9 साइकिल, एक बाइक, चार डीजल इंजन जल गया। वहीं आग की चपेट में आने से एक गाय, बीस बकरी भी झुलस कर मर गई। जबकि कई जानवरों का पशु चिकित्सक के द्वारा इलाज किया जा रहा है।

इन लोगों की झोपड़ी जली

ग्रामीणों ने बताया कि आग की इस घटना में सुवंश, डब्लू, बबलू, संतोष, मनोज,भोला, राधे श्याम, सुनील,अनिल, बद्री, किरती, विश्वनाथ, पप्पू, श्रवण, आशीष, दीपक और हरिवंश की झोपडी जली है। इसने कई मवेशी मरे हैं।

रोते हुए महिला ने बताया कि हम घर में थे तभी जोर जोर से आवाज सुनाई दी। घर के बाहर निकल कर देखा तो ऊपर तक आग की लपटें दिख रही हैं। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। घर से सभी लोग बाहर आ गए।

औरतें और बच्चे अपनी जान बचाकर भागने लगे। झोपड़ियां जल रही थी। लपटें इतनी तेज थी कि उसमें जाकर बंधे जानवर को नहीं छोड़ सके। मेरे आंखों के सामने ही हमारे पालतू जानवर जल गए और हम कुछ न कर सके।
गांव में अफरातफरी मची थी आधे से ज्यादा गांव जल रहा था। आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा था लेकिन हवा और धूप से आग पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। एक के बाद एक झोपड़ी आग की जद में आती चली गई।
किसी को घर से सामान निकालने का मौका नहीं मिला। बस बच्चों को लेकर सभी ने किसी तरह जान बचाई। थोड़ी ही देर में गांव जलकर राख हो गया। दमकल की गाड़ी आई लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। ज्यादातर झोपड़ी जल चुकी थी।

करीब 4 घंटे कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझी। लेकिन अभी भी कई घर सुलग रहे हैं। हम बेघर हो गए अब हम कहां जाएंगे। गांव के लोग बेघर हो गए। कुछ भी नहीं बचा हमारा इस तबाही में।
नरायनापुर गांव के सुवंश यादव ने बताया कि पहले मेरे झोपड़ी में आग लगी। हम लोग दूर दूसरे घर में थे। जब तक कुछ समझ पाते तब तक कई और झोपड़ी जलने लगी। आग के चलते लोग दो सौ मीटर दूर भाग गए। दर्शक की तरह देख रहे थे। जब आग का कहर कुछ कम हुआ तब लोग डीजल इंजन चालू कर आग पर काबू पाने में जुट गए।

सूचना पर पहुंची दमकल की दो गाड़ियों का पानी भी खत्म हो गया। बाद में पंपसेट चालू कर दमकल में पानी भरा गया तब जाकर दोबारा बुझाने का काम शुरू हुआ। इतने बड़े अग्निकांड के बाद भी जिले का कोई बडा अधिकारी नहीं पहुंचा। इसको‌ लेकर लोगो में नाराजगी है। महज लेखपाल, कानूनगो व एकाध पुलिस कर्मियों को छोड़ कोई अन्य सरकारी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंच सका।

जल्द दी जाएगी सहायता
एसडीएम संजय यादव ने बताया कि 29 लोगों की 64 झोपड़ियां उसमें रखा सामान, जानवर आदि जल गए हैं। लेखपाल के रिपोर्ट के आधार पर पीड़ितों को जल्द ही सहायता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आग पर पूरी तरह से दो दमकल व ग्रामीणों के सहयोग से काबू पा लिया गया है।
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