वोट जिहाद पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और भतीजी मारिया आलम पर FIR
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, फर्रुखाबाद. मुसलमानों से वोट जिहाद की अपील करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और उनकी भतीजी मारिया आलम खां पर केस दर्ज हो गया है। मारिया ने सोमवार को फर्रुखाबाद में कहा था- मुसलमानों के सामने मौजूदा हालात में वोट जिहाद जरूरी है। अगर हम एक नहीं हुए, तो समझ लेना यहां से नामोनिशान मिट जाएगा। संघी सरकार हमें मिटाने की कोशिश कर रही है।
मारिया ने कहा- मुझे बहुत शर्म आई, जब मैंने ये सुना कि कुछ मुसलमानों ने यहां भाजपा सांसद मुकेश राजपूत की मीटिंग कराई। मुझे लगता है समाज को उनका हुक्का-पानी बंद कर देना चाहिए।
मंगलवार को फ्लाइंग स्क्वायड टीम के प्रमुख डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने कायमगंज कोतवाली में खुर्शीद और उनकी भतीजी पर एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस को दी एप्लिकेशन में उन्होंने लिखा कि धर्म के आधार पर वोट देने के लिए कहा गया। धारा-188 (सरकारी निर्देश का उल्लंघन) 295-A (साजिशन धार्मिक विश्वास का अपमान) और 125 (युद्ध छेड़ने के लिए उकसाना) में दर्ज की है।
मारिया फर्रुखाबाद में सपा की महिला विंग की जिला उपाध्यक्ष हैं। वह अपने चाचा सलमान खुर्शीद के साथ भी मीटिंग-रैलियों में जाती हैं। सोमवार को वह सलमान खुर्शीद के साथ फर्रुखाबाद से सपा प्रत्याशी डॉ. नवल किशोर शाक्य के समर्थन में एक जनसभा में शामिल हुईं। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद मुकेश राजपूत को टिकट दिया है।
मारिया ने कहा- इंसान को हैसियत और औकात सबसे पहले समझनी चाहिए। संघी सरकार को तुम कामयाब करने का काम करोगे। उसके मंसूबों को कामयाब करने का काम करोगे। इसलिए बहुत अकल मंदी के साथ बिना भावुक हुए एक साथ वोटों का जिहाद करो। हम सिर्फ वोटों का जिहाद कर सकते हैं। इस संघी सरकार को भगाने का काम कर सकते हैं।
मारिया ने कहा- आज कितने लोग CAA और NRC में जेलों में बंद हैं। सलमान खुर्शीद साहब उनके केस फ्री में लड़ रहे हैं। हम आपके लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन अगर आप साथ नहीं दोगे, तो हम कुछ नहीं कर सकते।
लोग कह रहे हैं कि संविधान खतरे में है। लोकतंत्र खतरे में है। लेकिन सच ये है कि आज इंसानियत खतरे में है। अब इंसानियत पर हमले हो रहे हैं। अगर आप लोग अपने मुल्क को बचाना चाहते हो, अपने मुल्क की खूबसूरती को बचाना चाहते हो, गंगा-जमुनी तहजीब को बचाना चाहते हो तो इस बार बहुत होश से वोट दो। किसी के बहकावे में मत आओ। क्योंकि हमारी अकल मंदी ही हमारे मुल्क को बचा पाएगी।
मारिया ने रैली में एक शायरी सुनाई....
जलने वालों ने हमारे मुंह के निवाले देखे हैं। कौन है जिसने मेरे पैरों के छाले देखे।
एक समय में अंधेरों से लड़ा हूं तन्हा, तब कहीं जाकर जमाने ने यह उजाले देखे।
मारिया ने कहा, अगर आज की बात की जाए तो यह कुर्बानी जरूरी है। हमें भी बुरा लगता है। हमें भी तकलीफ होती है। लेकिन हम उस जगह पहुंच चुके हैं जहां न हम अकेले जीत सकते हैं और न अकेले हार सकते हैं।
मारिया आलम के पिता पूर्व विधायक स्वर्गीय इजहार आलम खां सपा के कद्दावर नेताओं में शुमार थे। साल 2022 में उनका निधन हो गया था। साल 1991 के मध्यावधि चुनाव में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए। बाद में सपा में शामिल हो गए थे। मारिया तीन बहनें हैं। सबसे बड़ी बहन अंदलीब हाउस वाइफ हैं। तीसरी बेटी हुमरा आलम खां एक निजी टीवी चैनल में न्यूज एंकर हैं।
मारिया के बयान पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा- सलमान खुर्शीद के परिजन आज वोट जिहाद की बात कर रहे हैं। मुसलमानों के हुक्का पानी बंद करने की बात कर रहे हैं। यह पूरी तरह से ध्रुवीकरण है। आज सपा और कांग्रेस बौखला गई है। सभी समाज और सभी वर्गों के लोग पीएम मोदी के साथ खड़े हैं।
मारिया ने क्यों की वोट जिहाद की अपील
यूपी में करीब 19% मुस्लिम वोटर्स हैं। प्रदेश की 80 में से 65 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोटर्स 20 से 30% है।
बसपा और पल्लवी पटेल असदुद्दीन ओवैसी के गठबंधन PDM (पिछड़ा, दलित, मुस्लिम) ने 20 सीटों पर मुसलमान प्रत्याशी उतारे हैं।
मुसलमानों के वोट बंटने की आशंका है। इसको देखते हुए मारिया ने वोट जिहाद यानी वोट न बंटने की अपील की है।
क्या है वोट जिहाद, इसका जिक्र क्यों?
सीनियर जर्नलिस्ट हसीब सिद्दीकी ने कहा कि जिहाद का मतलब धर्म और सच्चाई के लिए लड़ना होता है। राजनीतिक और आतंकी गतिविधियों में जिहाद शब्द का इस्तेमाल बिल्कुल गलत है। यह बिल्कुल उसी तरह है जैसे आपने यूपी में लव जिहाद, उत्तराखंड में लैंड जिहाद जैसे शब्द सुने हैं। वोट जिहाद के कोई मायने नहीं होते। यह सिर्फ लोगों को उकसाने के लिए हल्की बयानबाजी है।