Today Breaking News

जय श्रीराम का नारा लगाकर नारद राय ने समाजवादी पार्टी छोड़ी, अमित शाह से मिले

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री नारद राय ने सपा से नाता तोड़ लिया है। नारद ने साइकिल को पंक्चर करने की बात कही। बलिया लोकसभा सीट से टिकट के दावेदार रहे नारद राय ने सोमवार को कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर सपा छोड़ने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने जय श्रीराम का नारा भी लगाया। 
इसके बाद शाम करीब पांच बजे नारद राय ने वाराणसी स्थित होटल ताज में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी मौजूद रहे। 

इस मुलाकात का जिक्र नारद राय ने अपने एक्स हैंडिल पर किया है। उन्होंने लिखा है कि "दुनिया में भारत का डंका बजाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत के गृह मंत्री, राजनीति के चाणक्य अमित शाह के संकल्प की समाज के अंतिम पंक्ति में बसे गरीब को मजबूत करने वाली सोच और राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूत करूंगा। जय जय श्री राम।"

इससे पहले बलिया में जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने सपा से इस्तीफा दे दिया है तो जवाब में उन्होंने कहा कि जय श्रीराम बोलकर सपा में बने रहना संभव नहीं है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित संगठन पर कई तरह के आरोप लगाए। 

कहा कि मेरी राजनीति खत्म की जा रही थी। एक दिन पहले अखिलेश यादव की सभा में भी मुझे अपमानित किया गया। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 45 वर्ष पुराने नेता का मंच से नाम न लेकर अपमान किया। इसे भुलाया नहीं जा सकता। 

शहर से सटे खोरीपाकर गांव स्थित देव श्री परिसर में आयोजित कार्यकर्ता बैठक में नारद ने कहा कि अपमान होने के बाद भी सपा प्रत्याशी ने अफसोस जाहिर नहीं किया। मैंने बलिया में जनेश्वर मिश्र सेतु, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, लोहिया मार्किट, स्पोर्टस कालेज लाने का काम किया। बलिया की जनता से मैं प्रेम करता हूं। सपा का झंडा लगाकर भाजपा की मैं मदद नहीं कर सकता, भाजपा का झंडा लगाकर भाजपा की मदद करूंगा। जिस दिन भाजपा में शामिल होऊंगा, संख्या बल सभी को दिख जाएगा।  

सपा ने बलिया लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री नारद राय को पिछले विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ाया था लेकिन वह भाजपा के दयाशंकर सिंह से हार गए थे। नारद बलिया के नगर विस सीट से वर्ष 2002 में चुनाव जीते थे। 2012 में भी वह सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और विजयी रहे। सरकार में उन्हें नगर विकास मंत्री भी बनाया गया।

2017 के चुनाव में पार्टी से अनबन होने के बाद वह बसपा में शामिल हो गए और बसपा से ही नगर के सीट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2022 के विस चुनाव से पूर्व वह पुन: बसपा छोड़ सपा में शामिल हो गए। सपा सरकार में खेल और खादी ग्रामोद्योग मंत्री भी रहे।
'