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बनारस में बड़े भाई के सामने कर दी छोटे भाई की हत्या, मां बोली- इंसाफ चाहिए

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में 'मारपीट के दौरान कई सारे लोग इकट्ठा हुए तो मेरा भाई और सभी लोग वहां से भागे, पर मेरा भाई तेज नहीं दौड़ पाया और उसे मनबढ़ों ने पकड़ लिया। मैं 20 कदम दूर से देखता रहा। उसे एक मनबढ़ ने घूंसा मारा मुझे नहीं पता था कि वो सिर्फ घूंसा नहीं बियर की टूटी हुई बोतल थी। जिसने मेरे भाई की जान ले ली।' ये बात बताकर मृतक साबिर (22) के बड़े भाई आरिफ खामोश हो गए।

आरिफ का छोटा भाई साबिर कभी किसी झगड़े में नहीं पड़ता था।

रात 9 बजे वाराणसी के बकरिया कुंड टावर वाली गली के पास एक युवक की अज्ञात लोगों ने बियर की बोतल पेट में मारकर हत्या कर दी थी। घायल अवस्था में उसे ट्रामा सेंटर ले जाया गया था। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इस घटना के बाद पुलिस हत्यारों की तलाश में लगी है। वहीं मृतक के घर गुरुवार को कुरानख्वानी कराई गई। इसके पहले दोनों पक्षों में जमकर लड़ाई हुई थी।

दोपहर ई-रिक्शा लेकर आरिफ निकला था कमाने आरिफ ने बताया की उसने अपने भाई को चलाने के लिए ई-रिक्शा दिलाया था। उस दिन साबिर ई-रिक्शा लेकर नहीं निकला था। क्योंकि शहर में पीएम थे। दोपहर बाद मैं लेकर निकला और सीधे सिटी स्टेशन पहुंच गया। यहां एक महिला ने कैंट जाने की बात कही, जिसे मैंने अपने ई-रिक्शा में बैठा लिया।

आरिफ ने बताया कि 'महिला को बैठाकर मैं और सवारी ढूंढ रहा था। तभी दो मनबढ़ किस्म के लड़के आ गए। जिनकी उम्र 25 से 30 साल थी। वो आये और बोले की कैंट चलोगे। आरिफ ने कहा कि उनकी भाषा मुझे अच्छी नहीं लगी। इसलिए मैंने मना कर दिया। जिस पर वो बहस करने लगे। मैं अपना ई-रिक्शा उलटी दिशा में घुमाकर चल दिया। थोड़ी देर बाद जब मैं कैंट की तरफ जाने लगा, तो बकरिया कुंड के रास्ते पर वो मनबढ़ दिख गए।

आरिफ इतना सब बताने के बाद शायद कहीं खो गए और बोले कि 'वो दोनों में से एक आगे बैठा और एक महिला के पास। दोनों अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। एक मेरा जेब टटोलने लगा। इस पर मैंने ई-रिक्शा खड़ा करके कहा की उतरो नीचे, जिस पर मारपीट शुरू हो गई। ऐसे में स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव किया। उसके बाद मैं घर आकर लेट गया।

शाम में टहलने निकला, तो आरोपी दिखाई दिया, जिसने पिटाई की

आरिफ की आंखों से आंसू टपकने लगे थे। आरिफ ने कहा कि मैं शाम में फिर पैदल ही टहलने के लिए निकला था। बड़ी बाजार गया। वहां से वापसी में बकरिया कुंड के पास मुझे वहीं दोनों एक ऑटो में बैठे दिखाई दिए। इस पर मैंने अपने भाई साबिर और अन्य लोगों को फोन करके बुलाया।

आरिफ ने कहा कि 'यही शायद मेरी सबसे बड़ी गलती थी की मैंने भाई को फोन करके बुलाया। यहां आते ही हम लोगों में मारपीट हो गई। कुछ ही देर में वहां से ढेर सारे लोग निकल आये और मारपीट बढ़ गयी। हमने भाई और उसके साथियों को वहां से भगा दिया। सभी भागने लगे और मैं भी भागा वहां से।

आरिफ ने कहा कि साबिर तेज नहीं भाग पाया। उसे मनबढ़ों ने पकड़ लिया। मेरी और उसकी दूरी 20 कदम थी। मैंने देखा कि उसके पेट में एक घूंसा मनबढ़ ने मारा। इस पर मैं वहां से भाग कर वहां पहुंचा, तो उन्होंने उसको छोड़कर मुझे मारने पीटने लगे। दोबारा लोग आये हमें बीच-बचावकर नक्खी घाट क्रासिंग तक ले जाकर छोड़ दिया।

आरिफ ने बताया कि साबिर को ढूंढा वो नहीं दिखा, तो मैंने उसे काल किया। उसके दोस्तों ने उसका फोन उठाया और कहा कि साबिर के मुंह से ब्लड आ रहा है। पेट में बोतल घुसी है। फौरन वहां पहुंचा और उसे पास के अस्पताल ले गया। उन्होंने कबीरचौरा रेफर कर दिया। वहां से डॉक्टर ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया।

आरिफ ने कहा कि हम लोग एम्बुलेंस से रात करीब 10 बजे लेकर उसे ट्रामा सेंटर के लिए निकले पर भेलूपुर थाने के पास ही उसका बदन ठंडा हो गया था। ट्रामा सेंटर 11 बजे पहुंचे तो डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

आरिफ अपने भाई की मौत से गमजदा है। आरिफ ने कहा कि मेरी ही गलती थी। मैं हमेशा उसे लड़ाई-फसाद से दूर रहने की नसीहत दिया करता था। मोहल्ले में कभी लड़ाई-झगड़ा हो तो उसे फोन करता और दूर रहने को कहता पर उस दिन शाम को मैंने उसे फोन करके बुलाया। मेरी आंखों के सामने मेरा भाई चला गया।

साबिर की मौत के बाद उसकी मां सुल्ताना बीबी का रो-रो के बुरा हाल है। अपने बेटे की मगफिरत के लिए पवित्र कुरआन का पाठ कर रहीं थीं। वहीं बगल में साबिर की बड़ी बहन और मोहल्ले की औरते मौजूद थी। मां ने बात करते हुए आसूंओं से नम आखों को अपने दुपट्टे से पोछते हुए बोलीं सब कुछ तो चला गया। अब केवल इंसाफ चाहिए। आरोपियों को सजा हो।

मां सुल्ताना बीबी ने बताया मेरा बेटा तो बहुत सीधा था। आप मोहल्ले वालों से पूछ सकते हैं।

साबिर बूढी मां सुल्ताना बीबी ने कहा कि हमारा बेटा चला गया। अब हम एक बेटे के साथ कैसे जिएंगे। उन्होंने उसके पेट में बोतल तोड़कर डाल दी। उसकी मौत हो गई। हमें इंसाफ चाहिए। या खून का बदला खून चाहिए। मोहम्मद सलीम उर्फ वफाति के 5 बच्चों में से साबिर सबसे छोटा था। जिसकी हत्या कर दी गई।

साबिर की सबसे बड़ी बहन तरन्नुम परवीन ने कहा कि जिन लोगों ने मेरे भाई को इतनी बुरी मौत दी है। हमें इंसाफ चाहिए। जिस तरह मेरा भाई कब्र के अंदर है। वैसे ही वो लोग जेल में रहें। मेरा भाई मेरे लिए हीरा था। यह कहकर तरन्नुम रोने लगी।

बुधवार की रात में हुई इस घटना के बाद पुलिस सक्रिय हुई। मुकदमा दर्ज किया गया। एसओ जैतपुरा ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने कहा कि अभी किसी गिरफ्तारी नहीं हुई है। हम प्रयास कर रहे हैं।

बहन ने कहा जैसे मेरा भाई कब्र में है। वैसे ही आरोपी जेल में हो।

वहीं मृतक के बड़े भाई ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल का सीसीटीवी फुटेज दिखाया था। हमने उसमें मारने वाले और झगड़ा करने वालों की शिनाख्त भी की थी। अभी तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।


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