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गाजीपुर जिले में डायरिया के मरीजों में हुआ इजाफा, डॉक्टर ने बताए बीमारी से बचने के उपाय

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में गर्मी के चलते बीमारियों ने भी पैर पसारना शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा प्रकोप डायरिया का है। सरकारी अस्पताल हो या निजी अस्पताल, मरीजों की संख्या में हर रोज इजाफा हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा डायरिया के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।
गर्मी के प्रकोप के चलते सामान्य दिनों की तुलना में रेवतीपुर सीएचसी में‌ दो गुने से अधिक मरीज पहुंच रहे है। यहां हर रोज 10 मरीज में से 1 मरीज डायरिया से पीड़ित है। चिकित्सा अधीक्षक और प्रभारी अधिकारी डॉक्टर अमर कुमार ने बताया कि सामान्य दिनों में ओपीडी और इमरजेंसी मिलाकर 150 से 200 मरीज आते थे। मगर प्रचंड गर्मी में वर्तमान समय में 300 से 350 मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।

बता दें कि यह सामान्य दिनों की तुलना में काफी अधिक है। यहां हर रोज करीब 30 मरीज डायरिया के पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिनों से अब तक अस्पताल में करीब पांच हजार मरीजों का इलाज हो चुका है। इनमें से करीब 450 डायरिया के मरीज है, चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अमर कुमार ने बताया कि इस भीषण गर्मी में अनियमित और दूषित खानपान के साथ ही बेवजह धूप में घूमने के कारण डायरिया का प्रकोप फैल रहा है।

उन्होंने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि उल्टी-दस्त शुरू होने पर ओआरएस का घोल पिलाएं या फिर नीबू, चीनी और नमक का घोल देना चाहिए। स्कूल या बाजार जाने वाले बच्चों की इस तरह देखरेख करें कि वह बाहर निकलने से पहले ताजा व हल्का नाश्ता और पानी पीकर ही निकलें। इसके अलावा थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी का सेवन करना चाहिए। अनावश्यक धूप में जाने से बचना चाहिए। घर पर बना हल्का एवं पौष्टिक ताजा भोजन करना चाहिए। बाजार की चीजों से दूर रहे।

उन्होंने बताया कि डायरिया के लक्षण में बुखार के साथ बदहजमी की शिकायत होना, भूख न लगना, मिचली आना, कभी -कभार उल्टी-दस्त की एक साथ समस्या होना शामिल है।

चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि इससे बचने के लिए ओआरएस का घोल एवं नीबू की शिकंजी बनाकर पीएं, उल्टी-दस्त के साथ बुखार होने पर पानी की भीगी पट्टी माथे पर रखें, तली-भुनी चीजों से पूरी तरह परहेज करें। बासी खाना या नाश्ते का प्रयोग न करें।
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