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गाजीपुर में दरोगा की पत्नी और लेखपाल में मारपीट, जांच में जुटी पुलिस

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. बीते शनिवार को गाजीपुर के सैदपुर तहसील परिसर में दरोगा की बीवी, पुत्रों और लेखपाल के बीच मारपीट का मामला सामने आया था। जिसको लेकर दोनों पक्षों ने सोमवार को सैदपुर कोतवाली पहुंचकर, लिखित शिकायत की। जिसके बाद से पुलिस दोनों पक्षों की शिकायत के अनुसार घटना की जांच में जुट गई है।
बता दें कि बीते शनिवार की दोपहर को सैदपुर के नरायनपुर ककरहीं गांव निवासी दरोगा महेंद्र यादव की पत्नी ममता अपने दो पुत्रों प्रियांशु और पीयूष के साथ सैदपुर तहसील आई थी। उन्हें सैदपुर सादात हाईवे मार्ग में जाने वाली अपनी जमीन के संबंध में लेखपाल अमित कुमार से मिलना था। काफी देर इंतजार करने के बाद, महिला लेखपाल से मिली। आरोप है कि महिला ने उनसे कहा कि आप रोज-रोज हमें दौड़ा रहे हैं, लेकिन काम नहीं कर रहे हैं। इस पर लेखपाल नाराज हो गए और महिला को गाली दे दिया।

इसके बाद दोनों पक्षों की आपस में मारपीट हो गई। जिससे तहसील में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घटना से आक्रोशित अधिवक्ता महिला के समर्थन में उतर गए। इसके बाद लेखपाल और आक्रोशित अधिवक्ताओं के बीच तनातनी और खींचतान होने लगी। मामला बढ़ता देख, तहसील में पुलिस बुलानी पड़ी। इसके बाद मामला शांत हो सका।

घटना के बाद लेखपाल अमित कुमार ने बीते रविवार को सैदपुर कोतवाली में तहरीर दिया कि महिला ममता देवी उससे जबरन वरासत कराना चाहती थी। मना करने पर उनके साथ आए युवकों ने मुझको जाति सूचक शब्दों के साथ गाली देते हुए मारापीटा और सरकारी अभिलेख फाड़ दिया। किसी तरह मैं अपनी जान बचाकर भाग सका।

दूसरी तरफ सोमवार को अपने दरोगा पति महेंद्र यादव और ग्रामीणों के साथ पीड़ित महिला ममता देवी सैदपुर कोतवाली पहुंची। यहां महिला ने पुलिस को तहरीर दिया कि शनिवार को वह अपने बेटे के साथ लेखपाल अमित कुमार के यहां दाखिल खारिज हेतु दस्तावेज जमा करने गई थी। इसके लिए लेखपाल ने हमसे 50 हजार की मांग की थी। मौके पर मैं उन्हें 5 हजार दे रही थी। लेकिन पैसा कम होने के कारण, लेखपाल अमित कुमार मेरे साथ अभद्रता करने लगा।

जब मेरे पुत्र ने इसका विरोध किया, तो वहां मौजूद लेखपाल आनंद मौर्य, राहुल और सत्यम कुमार अमित के साथ मिलकर मेरे पुत्र को मारने-पीटने लगे। मैंने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो मुझे भी बुरी तरह पीटने लगे। हम लोगों का मोबाइल, मेरा मंगलसूत्र और चैन भी छीन लिया। मौके पर मौजूद अधिवक्ताओं ने विरोध कर हम लोगों को लेखपालों से बचाया।
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