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गाजीपुर मंदिर में माथा टेक रहीं अफजाल अंसारी की पुत्री नुसरत का राजनीतिक पहलू क्या है?...प्लान समझिए

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी की सबसे बड़ी बेटी नुसरत अंसारी इन दोनों जनपद में पिता के लिए चुनाव प्रचार करते देखी जा रही हैं। अपने चुनावी प्रचार के शुरुआती दौर में ही वह पवहारी बाबा आश्रम में पहुंची, जहां उन्होंने दर्शन पूजन किया। राजनीतिक गलियारे में नुसरत का पवहारी बाबा आश्रम जाना, कई मायनों में चर्चा के केंद्र में बना हुआ है। 2024 के चुनावी तैयारी की शुरुआत के क्रम में जनवरी 2023 में गाजीपुर पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इसी आश्रम में दर्शन पूजा की थी। इसके बाद जनसभा को संबोधित करते हुए अफजाल अंसारी पर सियासी तंज किया था।
इस पूरे सियासी समीकरण को बेहतर ढंग से समझने के लिए गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर राय से एक मीडिया चैनल ने संपर्क किया। जयशंकर राय ने गाजीपुर की कई राजनीतिक, अपराध जगत से जुड़ी और सामाजिक घटनाओं की विशेष रिपोर्टिंग कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। राय ने बताया कि यह महज इत्तेफाक भी हो सकता है कि नुसरत ने अपने चुनावी प्रचार के शुरुआती दौर में पवहारी बाबा आश्रम जाकर दर्शन पूजन किया हो लेकिन अगर बात की जाए अफजाल अंसारी और उनके परिवार के सदस्यों की तो वे अपनी सेकुलर इमेज को लेकर के यह सजग रहे हैं। अफजाल अंसारी अक्सर इस बात को कहते भी सुने जाते हैं कि वह सिर्फ मुस्लिम माइनॉरिटी वोटों के बदौलत चुनाव नहीं जीतते हैं। गाजीपुर में कुल वोटरों की आबादी का कुल 8 से 10 फीसदी ही मुसलमान वोटर हैं।

मालूम हो कि जेपी नड्डा 20 जनवरी, 2023 को गाजीपुर से लोकसभा चुनाव के प्रचार का आगाज किए थे। गाजीपुर दौरे के दौरान वह सबसे पहले पवहारी बाबा आश्रम ही गए थे। उसके बाद उन्होंने जनसभा संबोधित किया था। जनसभा में उन्होंने कहा था कि गलत बटन दबने से माफियाराज आ जाता है। यह बयान परोक्ष रूप से अफजाल अंसारी और उनके भाई मुख्तार अंसारी पर ही केंद्रित था। ऐसे में हो सकता है कि नुसरत ने एक खास रणनीति के तहत अपने भी चुनाव प्रचार की शुरुआती दौर में ही पवहारी बाबा आश्रम जाने का चयन किया हो।

वरिष्ठ पत्रकार राय ने मीडिया से बताया कि गाजीपुर के परिप्रेक्ष्य में पवहारी बाबा आश्रम के बात करें तो यह एक सिद्धाश्रम है। बाबा के भक्त गाजीपुर के अलावा पूर्वांचल के अन्य जनपदों में भी हैं। स्वामी विवेकानंद जैसे सिद्ध पुरुष में भी अपने आध्यात्मिक जीवन के कई पेंचीदगियों और रहस्यों के जवाब ढूंढने के क्रम में बाबा से संपर्क किया था और बाबा से उनकी मुलाकात के बाद ही वह मद्रास गए थे। जहां से वो पानी के जहाज के माध्यम से अमेरिका पहुंचे और बहुचर्चित धर्म संसद में उनका उद्बोधन हुआ था।

वरिष्ठ पत्रकार राय ने यह भी बताया कि नुसरत की पढ़ाई दिल्ली जैसे महानगर में हुई है, जहां की जीवन शैली समावेशी है। दिल्ली अपने आप में कॉस्मपॉलिटन सिटी के तौर पर माना जाता है। दिल्ली देश की राजधानी है। यह भी माना जा सकता है कि पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए उस दिन उसी वार्ड का चयन किया हो जिस वार्ड में पवहारी बाबा आश्रम स्थित है। उसी क्रम में नुसरत वहां पहुंची हों और आश्रम के आध्यात्मिक महत्व को देखते हुए उन्होंने वहां माथा टेककर दर्शन-पूजन किया हो।

2019 के चुनाव में नुसरत की बहन नूरिया, सैदपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करते देखी गई थीं। लेकिन 2024 के चुनाव में अफजाल अंसारी की बड़ी बेटी नुसरत का प्रचार करना चर्चा में है। ऐसा इसलिए है कि गैंगस्टर ऐक्ट के तहत लोअर कोर्ट में हुई सजा के बाद हाई कोर्ट में अफजाल को लेकर चल मुकदमे में फैसला आना अभी बाकी है। गाजीपुर में नामांकन की प्रक्रिया 6 मई शुरू हो जाएगी।

ऐसे में माना जा रहा है कि नुसरत अपने पिता अफजाल अंसारी के स्थान पर नामांकन दाखिल कर सियासी मैदान में उतर सकती हैं। जानकारों की माने तो ऐसा उस सूरत में होगा जब अफजाल अंसारी को हाईकोर्ट के फैसले से राहत नहीं मिलती है। फिर उस स्थिति में जब उनका मामला लोकसभा चुनाव के नामांकन की तारीख की समय-सीमा के भीतर कोर्ट से निस्तारण नहीं हो जाता है। (मीडिया इनपुट्स के साथ)
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