गाजीपुर में सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी और बेटी नुसरत ने किया नामांकन
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने नामांकन दाखिल किया। अफजाल अंसारी के नामांकन में जमानिया विधायक ओमप्रकाश सिंह, सदर विधायक जैकिशुन साहू, जंगीपुर विधायक वीरेंद्र यादव भी मौजूद रहे। तो वहीं उनकी बेटी नुसरत ने भी दो सेट में नामांकन दाखिल किया। उनके साथ पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा समेत इंडिया गठबंधन के कई दिग्गज मौजूद रहे। जिस कार से अफजाल अंसारी नामांकन स्थल पहुंचे उसे उमर अंसारी चला रहे थे। इस दौरान नामांकन स्थल के आस-पास व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे।
नामांकन प्रक्रिया को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय के आस-पास के रास्तों पर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए थे. पुलिस प्रशासन द्वारा बैरिकेडिंग कर नामांकन स्थल की तरफ आने वाले वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया गया है। बता दें कि गाजीपुर में 1 जून को मतदान होना है।
नामांकन स्थल पहुंचने से पहले अफजाल सपा कार्यालय लोहिया भवन पहुचे। जहां गठबंधन के दिग्गज नेताओं समेत कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। इसके बाद उनका काफिला जिला कलेक्ट्रेट स्थित नामांकन स्थल के लिए रवाना हुआ।
नामांकन स्थल पहुंचने से पहले अफजाल अंसारी और सपा विधायकों ने जिला मुख्यालय स्थित कामरेड सरयू पांडेय की मूर्ति को प्रणाम किया। मालूम हो कि सरयू पांडेय को अफजाल का सियासी गुरु भी कहा जाता है। अफजाल अंसारी को 1985 के विधानसभा चुनावों में अपने वक़्त के जाने-माने कम्युनिस्ट नेता सरजू पांडेय ने टिकट देकर चुनाव लड़वाया था, जिसमे अफजाल पहली बार विधायक बने।
अफजाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी से मैंने अपना नामांकन कर दिया है। बेटी नुसरत ने भी सपा से वैकल्पिक प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है। साथ ही उसने एक सेट में निर्दल प्रत्याशी के रूप में भी नामांकन दाखिल किया है।
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के नियमों में प्रावधान है कि एक कैंडिडेट के होते हुए कोई वैकल्पिक कैंडिडेट भी नामांकन दाखिल कर सकता है। समाजवादी पार्टी ने एबी फॉर्म दो लोगों को दिया था। गाजीपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी से अफजाल जबकि भाजपा से पारनाथ राय और बसपा से डॉक्टर उमेश सिंह मैदान में हैं। फिलहाल जिले की सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है।
बता दें कि बीते साल अफजाल अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट से गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा हुई थी और उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई थी। सजा के खिलाफ अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील किया जहां से उनको जमानत तो मिली पर सजा से राहत नहीं मिली।
इसके बाद अफजाल की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई है। हाईकोर्ट को 30 जून 2024 तक अफजाल के मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला देने का आदेश दिया गया है। अफजाल की सजा के मामले में 13 मई को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। यदि इस बीच अफजाल अंसारी की सजा हाईकोर्ट से बहाल हो जाती है तो अफजाल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
बता दें कुछ दिन पहले की अफजाल ने सार्वजनिक रूप से अपनी बेटी नुसरत को अपना वारिस बताया था, और कहा था कि लोग गलत अफवाह फैला रहे है। जबकि मेरा वकील कहता है हमारा केस एक दम सही है। कोई दिक्कत नहीं है। अगर ऐसी परिस्थिति बनती है तो ऊपर वाले ने तीन बेटी दी है। बेटी मेरी यहां है जो पढ़ी लिखी है और बेस्ट कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। मेरे बारे में सुनते ही मेरी बेटी मेरी मदद करने आ गई।
बता दें कि अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत पिता के लिए लोगों से मिल रही हैं। उनका प्रचार भी कर रही हैं, और डोर टू डोर जाकर लोगों से वोट करने की अपील भी कर रही है। तीन मई को नुसरत चुनाव प्रचार के दौरान एक शिव मंदिर में भी गई थी। नुसरत ने मंदिर में माथा भी टेका था। वहां भजन कीर्तन में भी शामिल हुई थी। मंदिर में लोगों से मुलाकात कर उनके बारे में भी जाना था।
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