मुलायम-अखिलेश यादव ने प्रचार किया, फिर भी डिंपल हार गईं:..अमर सिंह बने थे विलेन
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. साल 2009...अखिलेश यादव दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़े। दोनों जीत गए। एक सीट छोड़नी थी, इसलिए फिरोजाबाद छोड़ दी। वहां से पत्नी डिंपल को चुनाव मैदान में उतारा। दूसरी तरफ कुछ दिन पहले ही पार्टी छोड़ने वाले राज बब्बर को कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी बना दिया।
उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। सपा के साथ अमर सिंह थे। प्रचार में बॉलीवुड के बड़े-बड़े सितारे उतर आए। जुबानी जंग खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। यह सीट जीतना मुलायम सिंह के लिए नाक की बात हो गई। लेकिन नतीजे आए तो सब हैरान रह गए। डिंपल यादव अपना पहला चुनाव हार चुकी थीं।
2009 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव कन्नौज और फिरोजाबाद से चुनाव लड़े। कन्नौज में उन्होंने बसपा प्रत्याशी डॉ. महेश चंद्र वर्मा को 1 लाख 15 हजार वोटों से हराया। फिरोजाबाद में उस वक्त बसपा में रहे एसपी सिंह बघेल को 67 हजार वोटों से हराया। दो सीटों पर एक साथ सांसद रहने का नियम नहीं है। इसलिए अखिलेश को एक सीट छोड़नी थी। उन्होंने फिरोजाबाद सीट की सांसदी से इस्तीफा दे दिया।
नवंबर 2009 में यहां उपचुनाव हुआ। सपा ने यहां डिंपल यादव को प्रत्याशी बना दिया। डिंपल का यह पहला चुनाव था। इससे पहले उन्होंने कभी मंच पर खड़े होकर भाषण नहीं दिया था। उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। सपा-कांग्रेस में गठबंधन था, लेकिन फिरोजाबाद सीट को लेकर कोई बात नहीं हुई थी।
कांग्रेस ने यहां बॉलीवुड अभिनेता राज बब्बर को प्रत्याशी बना दिया। राज बब्बर 2006 तक सपा में थे। उन्होंने अमर सिंह पर पार्टी में दलाली और फाइव स्टार संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। इसलिए सपा ने निकाल दिया था। उस वक्त अमर सिंह का सपा में दबदबा था। फिरोजाबाद में जब राज बब्बर प्रत्याशी बने तो डिंपल को जीत दिलाने की जिम्मेदारी अमर सिंह पर आ गई।
नामांकन के बाद प्रचार शुरू हुआ। मुलायम सिंह, राम गोपाल यादव और अमर सिंह हर इलाके में पहुंचने लगे। हर किसी से मिलते और कहते कि पहली बार चुनाव में उतरी बहू डिंपल को जिताना है। अखिलेश ने तो फिरोजाबाद में कैंप कर लिया। दूसरी तरफ राज बब्बर के समर्थन में राहुल गांधी प्रचार करने पहुंच गए। बाकी के मंत्री भी आए और राज बब्बर को वोट करने की अपील की।
सलमान प्रचार करने आए, अमर सिंह ने वांटेड कह दिया
दोनों तरफ से हो रहे प्रचार के बीच राज बब्बर खेमे को लग रहा था कि सपा यहां आगे चल रही। ऐसे में राज बब्बर का पुराना काम और दोस्ती काम आई। उन्होंने गोविंदा और सलमान खान को प्रचार के लिए बुला लिया। सलमान खान ने फिरोजाबाद में रोड शो किया। सलमान को देखने के लिए इतनी भीड़ उमड़ी कि सपा की चिंता बढ़ गई।
चुनाव में सिर्फ 1 हफ्ते बचे थे। सपा खेमे में बैठक हुई। अमर सिंह ने तय किया कि बॉलीवुड सेलिब्रिटीज का जवाब उसी अंदाज में देना पड़ेगा। वह संजय दत्त, जया प्रदा और जया बच्चन को लेकर आए। पीडी जैन कॉलेज में सभा हुई। जमकर भीड़ पहुंची।
इसी सभा में अमर सिंह से एक गलती हो गई। उन्होंने सलमान खान को वॉन्टेड कह दिया। उन पर लगे केस की चर्चा कर दी। इसके अलावा, कुछ ऐसी बातें जो मुस्लिम वर्ग को दिल पर लग गई।
राज बब्बर ने अमर सिंह के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला, लेकिन उनके बोले हुए शब्दों को लेकर जनता के बीच पहुंच गए। मुस्लिम वोट में फूट पड़ गई। जो अब तक सपा की तरफ थे वह पलटकर कांग्रेस खेमे में खड़े हो गए। अमर सिंह को एहसास हो गया था कि उन्होंने सपा का नुकसान कर दिया। लेकिन वह प्रचार में लगे रहे।
चुनाव खत्म हुए। वोटों की गिनती शुरू हुई। शुरुआत में डिंपल आगे हुईं, लेकिन थोड़ी ही देर में राज बब्बर बराबरी पर आ गए। आखिरी के दो घंटे में राज बब्बर ने लीड लेनी शुरू की। आखिरी नतीजे आए तब वह 85,343 वोटों से जीत चुके थे। उन्हें 3,12,728 वोट मिले। डिंपल यादव को 2,27,385 वोट मिले थे।
इस तरह से जिस सीट पर 6 महीने पहले अखिलेश यादव 68 हजार वोटों से जीते थे अब उसी सीट पर उनकी पत्नी 85 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हार गईं। कहते हैं कि इस हार के बाद डिंपल यादव रो पड़ी थी।
इस हार के बाद अखिलेश अमर सिंह के खिलाफ हो गए। उन्हें पार्टी से निकालने की मांग पर अड़ गए। मुलायम सिंह और शिवपाल अमर सिंह के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेना चाहते थे। अखिलेश इसके बाद अमर सिंह से लगातार नाराज रहने लगे। आखिरकार फरवरी 2010 में सपा ने अमर सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
2012 विधानसभा में सपा को पूर्ण बहुमत मिला। अखिलेश मुख्यमंत्री बने। इस तरह से उन्हें कन्नौज सीट भी छोड़नी पड़ी। इस बार भी उनकी छोड़ी सीट पर डिंपल यादव प्रत्याशी बनीं। लेकिन चुनाव नहीं हुआ। डिंपल निर्विरोध सांसद चुन ली गईं। यह देश में 44वां और यूपी में चौथा मौका था जब कोई निर्विरोध सांसद बना हो।
2014 में आम चुनाव हुआ। डिंपल यादव ने बीजेपी के सुब्रत पाठक को हरा दिया। 2019 में उलटफेर हुआ और इस बार सुब्रत पाठक जीत गए। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद डिंपल ने मैनपुरी लोकसभा सीट से सांसद बनीं। इस बार फिर से वह मैनपुरी से ही मैदान में हैं।