बनारस में नए जिला जज संजीव पांडेय की तैनाती...ज्ञानवापी केस जिला जज की चुनौती
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में दो महीने से खाली जिला जज की कुर्सी पर बुधवार को नए जिला एवं सत्र न्यायाधीश की तैनाती हो गई है। हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश में सीनियर जज संजीव पांडेय को वाराणसी का नया जिला जज बनाया गया है। वे अब तक इसी पद पर बागपत में कार्यरत थे और उनकी तैनाती लंबे समय तक बिजनौर में रही है।
जज संजीव पांडेय |
हाईकोर्ट प्रशासन ने बुधवार को बड़े पैमाने पर विभिन्न जिला न्यायालयों में कार्यरत जिला एवं सत्र न्यायाधीश और फैमिली कोर्ट जजों का स्थानांतरण कर दिया। महानिबंधक की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार स्थानांतरित न्यायिक अधिकारियों में वाराणसी में नए जिला जज को तैनाती दी गई।
यह पीठ पूर्व जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की सेवानिवृत्ति के बाद से खाली थी। 31 जनवरी के बाद किसी प्रभारी जिला जज सभी गतिविधियों को संभाल रहे थे।
हाईकोर्ट ने 2011 बैच में ज्यूडिशियल सेवा में आए जज संजीव कुमार पांडे को वाराणसी के नए जिला जज के तौर पर तैनाती दी है। मूलरूप से चंडीगढ़ के निवासी संजीव पांडे वर्तमान में बागपत में 1 नवंबर 2022 से जिला जज के रूप में कार्यरत थे।
उनकी पहली तैनाती 2011 में एडीजे सहारनपुर में रही, इसके बाद 2014 से 2018 तक चंडीगढ़ प्राधिकरण में रजिस्ट्रार रहे। 2018 में फिर बिजनौर में एडीजे बनकर लौटे संजीव पांडे 2022 तक बिजनौर में तैनात रहे। इस दौरान स्पेशल जज, प्रिंसिपल जज तक प्रोन्नत भी हुए।
वाराणसी में चार्ज लेने के बाद नए जिला जज की सबसे बड़ी चुनौती ज्ञानवापी से जुड़े केस होंगे। दोनों पक्षों के साक्ष्य, दलील और फिर एएसआई रिपोर्ट के आधार पर न्याय करना बड़ी परीक्षा होगी। मूलवाद, श्रृंगार गौरी, आदि विश्वेश्वर, लार्ड विश्वेवर, पूजा का अधिकारी, एएसआई सर्वे, कार्बन डेटिंग समेत 20 से अधिक मुकदमों की सुनवाई करनी होंगी।
लंबे समय से लंबित केस की सुनवाई को जल्द फैसले की ओर ले जाना होगा तो इसके अतिरिक्त हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केसों में समन्वय बनाना होगा। हाईकोर्ट पहले ही कई केस को पूरा करने के लिए गाइडलाइन और आदेश दे चुका है। अब तक कई ऐतिहासिक फैसलों के बाद हिन्दू पक्ष को नए जिला जज से कई उम्मीदें हैं तो मुस्लिम पक्ष भी न्याय की आस लगाए है।