बसपा की चौथी लिस्ट देखिए..आजमगढ़ से भीम राजभर, घोसी से बालकृष्ण चौहान को टिकट
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. बसपा ने यूपी लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की चौथी लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 9 प्रत्याशियों का ऐलान किया गया है। आजमगढ़ से भीम राजभर, घोसी से बालकृष्ण चौहान, एटा से मोहम्मद इरफान, धौरहरा से श्याम किशोर अवस्थी, फैजाबाद (अयोध्या) से सच्चिदानंद पांडे, बस्ती से दयाशंकर मिश्र, गोरखपुर से जावेद सिमनानी, चंदौली से सत्येंद्र कुमार मौर्य, रॉबर्ट्सगंज से धनेश्वर गौतम को उतारा है।
इससे पहले बसपा 36 कैंडिडेट को उतार चुकी है। अब 9 और मिलाकर यूपी की 45 सीटों पर नाम फाइनल हो चुके हैं। बची 35 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम फाइनल होने बाकी हैं।
बसपा की चौथी लिस्ट...
इससे पहले 3 अप्रैल को जारी की गई तीसरी लिस्ट में 12 प्रत्याशियों का ऐलान किया था, जिसमें मथुरा सीट से कैंडिडेट बदला गया था। इस तरह तीन बार में सपा ने 36 कैंडिडेट को चुनावी मैदान में उतारा।
बसपा ने तीसरी लिस्ट में मथुरा से प्रत्याशी बदला था। यहां कमलकांत उपमन्यु की जगह सुरेश सिंह को नया उम्मीदवार घोषित किया गया। बसपा की जारी तीन लिस्ट में 9 मुस्लिम कैंडिडेट थे। बसपा की पहली लिस्ट में 14 लोकसभा सीटों जारी कैंडिडेट में सिर्फ 1 दलित उम्मीदवार ही था।
वहीं, 28 मार्च को बसपा ने एक ही दिन में दो लिस्ट जारी की थी। दोनों लिस्ट में कुल 25 प्रत्याशियों का ऐलान किया गया था। इनमें 2 सिटिंग सांसदों का टिकट बदल दिया था। बिजनौर से बसपा के सांसद मलूक नागर का टिकट काट दिया गया था, उनकी जगह बिजेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया गया।
पश्चिमी यूपी की ज्यादातर सीटें मुस्लिम बाहुल्य हैं। इसलिए, मायावती ने 16 सीटों पर 7 मुस्लिम चेहरे उतारे हैं। 2019 की बात की जाए, तो इन 16 सीटों में तब भी बसपा-सपा-रालोद गठबंधन ने 7 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे। इनमें बसपा की टिकट पर 4 मुस्लिम कैंडिडेट थे।
मुरादाबाद और सहारनपुर जिले में 55 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं। वहीं, रामपुर में 60 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। इसी तरह संभल में 77.67%, अमरोहा में 40.78%, पीलीभीत में 25% मुस्लिम आबादी है।
बसपा की दूसरी लिस्ट में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं था। इसमें 4 एससी, 2 ब्राह्मण और 3 प्रत्याशी हैं। कानपुर और इससे लगी अकबरपुर लोकसभा सीट से टिकट का ऐलान किया गया। बसपा ने पहली लिस्ट जारी करने के पांच घंटे बाद ही दूसरी लिस्ट का ऐलान किया था।
12 प्रत्याशियों में 3 ब्राह्मण, 3 अनुसूचित जाति, 2 मुस्लिम, 1 ठाकुर, 1 खत्री, 2 OBC हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 12 सीटों में से 10 पर गठबंधन के तहत सपा ने प्रत्याशी उतारे थे। बसपा ने सिर्फ मोहनलालगंज और अलीगढ़ से प्रत्याशी उतारा था। मोहनलालगंज से सीएल वर्मा और अलीगढ़ से अजीत बालियान को टिकट दिया था। इस बार दोनों का टिकट काट दिया है।
यूपी में बसपा का वोट शेयर 3 लोकसभा चुनाव से लगातार घट रहा है। 2009 लोकसभा में बसपा को 27.4% वोट मिला। 2014 में यह घटकर 19.8% पर पहुंच गया। 2019 में सपा-रालोद से गठबंधन के बावजूद बसपा को 19.4% वोट मिला। इसके अलावा, 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में बसपा को तगड़ा झटका लगा था।
बसपा का वोट शेयर घटकर 12.8% पर पहुंच गया था। इस वजह से विधानसभा की 403 सीटों में बसपा महज एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी। 1993 के चुनाव के बाद से बसपा का वोट शेयर का यह सबसे कम आंकड़ा रहा है। 1993 से 2022 के बीच हुए चुनावों में कभी भी बसपा का वोट शेयर 19% से कम नहीं रहा है।
10 में 3 सांसदों ने छोड़ा बसपा का साथ
अफजाल अंसारी: मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल ने 2009 और 2019 का चुनाव गाजीपुर लोकसभा सीट पर बसपा की टिकट पर लड़ा था। 2024 में अखिलेश यादव ने अफजाल अंसारी को टिकट गाजीपुर से टिकट दिया है। यहां मुस्लिम-यादव वोटर्स की बड़ी संख्या हैं।
रितेश पांडेय : बसपा का गढ़ मानी जाने वाली अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से सांसद रीतेश पांडेय ने भाजपा जॉइन कर ली। मायावती ने ही साल 1995 में अंबेडकर नगर को जिला बनाया था। 2009 में हुए चुनाव में बसपा के टिकट पर रीतेश के पिता राकेश पांडेय ने जीत दर्ज की। 2014 में राकेश पांडेय हार गए थे। 2019 में राकेश के बेटे रीतेश ने बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी।
दानिश अली : अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली को पार्टी ने दिसंबर 2023 में निलंबित कर दिया था। इसके पीछे की वजह लगातार कांग्रेस के दिग्गजों के साथ शेयर हो रहीं उनकी तस्वीरें रहीं। परिणाम यह रहा कि अब वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।