गर्मी बढ़ने के साथ मटके की डिमांड बढ़ी, मिट्टी का बर्तन बनाने वालों में प्रसन्नता
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गर्मी के बढ़ने के साथ ही देशी फ्रिज की डिमांड बढ़ गई है। बाजारों में मटकों का बाजार भी लगने लगा है। कुछ सालों में इन मटकों की मांग शहरी इलाके में कम हो गई थी। मगर अब फिर से इसकी मांग होने लगी है। आज भी ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर लोग मटके का ही पानी पीते हैं।
कुम्हार जाति के लोग मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते हैं। इसके एवज में उन्हें उतने पैसे तो नहीं मिल पाते हैं, लेकिन मिट्टी के बर्तन बनाना उनकी मजबूरी है, क्योंकि इन कुम्हार जाति के पूर्वज जमाने से मिट्टी के बर्तन, दिया, मटका, गमला, हंड्डी आदि बनाते हुए आ रहे है। ऐसे में सरकार को ऐसी छोटे-छोटे उद्योग की तरफ ध्यान देकर इन्हें बढ़ावा देने की जरूरत है, जिससे कि इन गरीब परिवार को जीवनयापन करने में कोई कठिनाई का सामना न करना पड़े।
कुम्हार बृजेश प्रजापति ने बताया कि इस गर्मी के सीजन में मटके की मांग बढ़ जाती है। हम लोग इसे बनाकर थोक व्यापारियों को दे देते है। यहां उन लोग 100 से 150 तक इसे बेच देते है। फ्रिज के पानी पीने का जो स्वाद है, उससे ज्यादा स्वाद मिट्टी से बनी हुई मटके का है। बाजार में फ्रिज आने से हमारे व्यवसाय में ज्यादा फर्क नहीं आया, गर्मी के सीजन में मटकों की डिमांड बढ़ जाती है।