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इस रूट पर 160KM की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, बन रही सुरक्षा दीवार जिससे होंगे ये लाभ

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग के कानपुर-प्रयागराज रेलखंड पर कुछ माह बाद ही ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। इसके लिए ट्रैक पर बेसहारा पशुओं को रोकने का इंतजाम हो रहा है। इसमें 15.16 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मई में कंपनी का चयन कर काम शुरू कराया जाएगा, जिसे तीन माह में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर फेंसिंग (सुरक्षा दीवार) का काम तेजी से चल रहा है। टूंडला से गाजियाबाद तक इसपर काम लगभग हो चुका है। प्रयागराज परिक्षेत्र में 30 प्रतिशत काम पूरा है। अब कानपुर से प्रयागराज के बीच 214 किलोमीटर में डब्ल्यू मेटल कैटल बैरियर का निर्माण होना है। इसके लिए अग्रिम धनराशि 90 लाख रुपये जमा कर कंपनियों से निविदा मांगी गई है। छह मई तक निविदा आने के बाद कंपनी चुनी जाएगी।

सितंबर 2024 तक काम खत्म करना है। इसके पीछे मकसद कैटल रन ओवर (सीआरओ) व मैन रन ओवर (एमआरओ) की घटनाएं रोकना है। अक्सर जानवरों के ट्रैक पर आने से हादसे होने के कारण ट्रेनें रोकनी पड़ती है, जबकि लेटलतीफी होती है। रफ्तार बढ़ने से वंदे भारत एक्सप्रेस, राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनें और जल्द गंतव्य तक यात्रियों को पहुंचाएंगी। बीते साल में 518 सीआरओ व 68 एमआरओ की घटनाएं प्रयागराज मंडल में हो चुकी हैं।

सुरक्षा दीवार से ये होंगे लाभ
  1. ट्रेनों को रफ्तार मिलने के साथ बेसहारा जानवरों से होने वाले हादसे रुकेंगे।
  2. हादसों के कारण अक्सर एक से दो घंटे तक ट्रेनों की लेटलतीफी खत्म होगी।
  3. ट्रेनों के बेपटरी होने का खतरा कम होगा, निर्धारित रफ्तार में चलना आसान।
  4. आपराधिक घटनाएं रुकेंगी, वंदे भारत समेत अन्य ट्रेनों में पथराव।
  5. प्रयागराज, वाराणसी, मुगलसराय, बिहार और हावड़ा पहुंचने में समय कम लगेगा।
दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर मिशन रफ्तार के तहत काम के लिए निविदा जारी की गई है। उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र में फेंसिंग, ओवरहेड इलेक्ट्रिक यानी ओएचई में सुधार व ट्रैक में थिक वेब स्विच का काम पूरा होने पर ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलाया जाएगा। इससे गंतव्य तक पहुंचने में समय कम लगेगा व हादसे रुकेंगे। - हिमांशु शेखर उपाध्याय, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी उत्तर मध्य रेलवे।
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