ARTO सत्येंद्र यादव सहित 4 पर FIR दर्ज, मारपीट में वकील के कान का पर्दा फटा
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़. आजमगढ़ जिले के सिधारी थाने में ARTO सत्येंद्र सिंह यादव, यात्री कर अधिकारी राजेश कुशवाहा सहित चार आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। न्यायालय के निर्देश पर दर्ज हुए मुकदमे में पीड़ित अधिवक्ता विपिन कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि आजमगढ़ जिले में तैनात रहे एआरटीओ प्रशासन सत्येंद्र यादव और यात्री कर अधिकारी राजेश कुशवाहा के पास जब अपने मुवक्किल कि न्यायालय से चलानी रिपोर्ट लेने गए।
उसी समय यात्री कर अधिकारी राजेश कुशवाहा ने इसके लिए 5000 की मांग की। इसके साथ ही यात्री कर अधिकारी राजेश कुशवाहा ने इस बात की भी धमकी दी कि पैसा ना देने की दशा में आरटीओ कार्यालय के चक्कर काटना पड़ेगा।
आजमगढ़ में ARTO पद पर तैनात रहे सत्येंद्र यादव से जब इस मामले की शिकायत की गई तो यात्री कर अधिकारी राजेश कुशवाहा ने मां बहन की गाली देते हुए अधिवक्ता विपिन सिंह के साथ मारपीट करने लगे। इस मारपीट में यात्री कर अधिकारी के साथ एआरटीओ प्रशासन सत्येंद्र यादव और उनके दो और सहयोगी थे। अधिकारियों द्वारा की गई इस मारपीट से अधिवक्ता के बाएं कान का पर्दा फट गया जिसके कारण उसे सुनाई भी काम देने लगा है।
इस मामले में पीड़ित अधिवक्ता विपिन कुमार सिंह ने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई। पीड़ित अधिवक्ता का कहना है कि पूरा मामला 25 फरवरी 2021 का है। न्यायालय के निर्देश पर आजमगढ़ जिले के सिधारी थाने में एआरटीओ सत्येंद्र यादव, यात्री कर अधिकारी राजेश कुमार कुशवाहा सहित चार लोगों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 34, 323, 504, 506 और 325 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। वहीं पीड़ित अधिवक्ता का कहना है कि आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
आजमगढ़ जिले में तैनात रहे एआरटीओ सत्येंद्र यादव का एक माह पहले अंबेडकर नगर जिले में तबादला हो गया है। इससे पूर्व भी वर्ष 2022 में आजमगढ़ के आरटीओ कार्यालय में अप्रूवल और टेस्ट के नाम पर पैसे मांगे जाने का मामला सामने आया था। लाइसेंस की स्कूटी और अप्रूवल के नाम पर 1500 मांगे जा रहे थे पैसा न दिए जाने पर ऐसे अभ्यर्थियों को लाइसेंस भी नहीं मिल रहा था।
इसके साथ ही गाड़ियों की टैक्स माफी पर 25% लेने की भी बात सामने आई थी। आरटीओ विभाग में हो रहे इस पूरे खेल में लगभग आधा दर्जन दलाल भी शामिल रहे। इसके साथ ही कई मामले ऐसे भी सामने आए जिसमें मलिक के बिना कार्यालय गए ही गाड़ियों के ट्रांसफर भी हो गए। इन मामलों में एआरटीओ सत्येंद्र यादव की जमकर किरकिरी भी हुई थी।