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श्रद्धालुओं से भरी बस बनी आग का गोला, पुलिस ने दौड़ाकर बस रुकवाई, भारत भ्रमण के लिए निकले थे सभी लोग

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. झारखंड के दुमका से काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं से भरी बस में शुक्रवार सुबह 3 बजे आग लग गई। वाराणसी के मंडुआडीह थाना क्षेत्र के महेशपुर के पास हाईवे पर चलती बस में आग लगने के बाद भी चालक उससे बेखबर था और सभी यात्री सो रहे थे।
बस से धुआं उठता देखकर लहरतारा पुलिस के जवानों ने पीछा कर बस को रुकवाया और ड्राइवर को आग लगने की जानकारी दी। आग की सूचना पर बस में भगदड़ मच गई। पुलिस कर्मियों ने आनन्-फानन् में सभी 70 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला।

पुलिस के दो जवान रोहित और आनंद ने बताया कि हम लहरतारा चौकी के बाहर ड्यूटी पर तैनात थे। तभी देखा कि एक बस गुजर रही है और बस से धुआं उठ रहा है। बस जब क्रॉस हुई तो देखा कि उसमें पीछे आग लगी थी और ड्राइवर रफ्तार से बस भगा रहा था।

हमने पहले बस चालक को आवाज दी लेकिन वह सुन नहीं सका। इसके बाद हमने तुरंत बाइक चालू की और बस का पीछा किया और ओवरटेक कर मंडुआडीह थाना क्षेत्र के महेशपुर चौराहे के पास बस को रुकवाया।

देखा कि आग और धुएं से बेखबर बस में सवार 70 यात्री गहरी नींद में सो रहे हैं और चालक का सहयोगी भी सोया है। हमने तुरंत चालक को बस में आग लगने की सूचना देने के साथ ही सभी यात्रियों को जगाकर बाहर निकालना शुरू किया। आग की जानकारी मिलने पर बस में भगदड़ मच गई और यात्री उतर कर भागने लगे। सड़क पर दोनों ओर यातायात रोकते हुए सभी को सकुशल बाहर निकाला गया।
कुछ देर में आग ने विकराल रूप ले लिया और पूरी बस आग की लपटों की चपेट में आ गई। फायर ब्रिगेड के आने से पहले ही बस पूरी तरह जल गई। हालांकि कुछ देर बाद पहुंचे दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया।

बस चालक ने बताया कि बस में सवार सभी 70 यात्री झारखंड के दुमका जिले से आए हैं और भारत दर्शन के लिए निकले हैं। बस यात्रियों को अयोध्या से वाराणसी के लिए लेकर आ रही थी। बस में शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग पीछे लगने के कारण पता नहीं चल सका।

यात्री ने कहा हम सभी भारत दर्शन के लिए झारखंड से निकले थे। हम कल अयोध्या आए और वहां भगवान राम का दर्शन किया। फिर वहां से खाना पीना खाकर सभी वाराणसी घूमने के लिए तैयार हुए। हम सभी झारखंड से यहां ट्रेन से आए थे।

यहां से हमारा प्लान था कि बस बुक करके ही चारो तरफ घूमेंगे। कल अयोध्या में दर्शन करने बाद शाम को सभी वाराणसी के लिए जाने के लिए एक ट्रैवेल एजेंसी से बस बुक किए। फिर सभी रात में ही वाराणसी के लिए निकल पड़े।

हम बस में ही सो गए। बस चल रही थी, तभी तीन बजे सुबह अचानक बस में ब्रेक लगता है। बस रुक जाती है। हमें जोर का झटका लगता है। आंख खुली तो देखा दो पुलिस वाले बस में घुस रहे थे और बोल रहे थे जल्दी से बस से बाहर निकलो बस में आग लगी है।

इतना सुनते ही बस में अफरा तफरी मच गई। पुलिस वालों ने बाहर निकलने में सबकी मदद की। सभी अपना सामान लेकर भागने लगे। आग बढ़ती जा रही थी। लोग बस से निकल रहे थे। हमें डर लग रहा था कि कोई इसमें छूट न जाए।

किसी तरह से सभी को बस से बाहर निकाला गया। धीरे-धीरे आग ने पूरी बस को अपने चपेट में ले लिया। बस धू-धू कर जलने लगी। आग की लपटें बहुत ऊपर तक उठ रही थी। भगवान की कृपा से सभी बस से बाहर आ गए थे।

ड्राइवर ने कहा हम सभी ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन वहां कोई व्यवस्था नहीं थी। फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी गई। जब तक फायर ब्रिगेड आती बहुत देर हो चुकी थी। पूरी बस जल चुकी थी। गनीमत यही रहा कि किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ।

बस से पुलिस ने तीन गैस सिलेंडर भी निकला है। जो भरा हुआ था। समय रहते पुलिस ने उसे बस से बाहर निकाल लिया। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। पुलिस ने कहा सिलेंडर फटता तो भारी नुकसान हो सकता था।

सिलेंडर के बारे में पता चलते ही उसे निकाला गया। सभी यात्री को सुरक्षित निकाल लिया गया है। कुछ यात्रियों के सामान जले हैं।

पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला बस में 34 सीट की परमिट थी और बस में कुल 70 लोग सवार थे। पुलिस ने बताया कि लापरवाही की वजह से बड़ा हादसा हो सकता था। हालांकि, ट्रेवल एजेंसी पर कुछ कार्रवाई होगी या नहीं यह अभी पुलिस ने क्लियर नहीं किया है।
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