गाजीपुर में मुख्तार के घर हेलिकॉप्टर से पहुंचे अखिलेश यादव, कहा- सरकार पर भरोसा नहीं
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को मुख्तार अंसारी के घर पहुंचे। उनका हेलिकॉप्टर अंसारी के घर से थोड़ी दूर शहीद इंटर कालेज में उतरा। इसके बाद अखिलेश काफिले के साथ मुख्तार के घर पहुंचे।
यहां मुख्तार के भाई अफजाल और बेटे उमर अंसारी से मुलाकात की। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से हाथ मिलाया। अफजाल और उमर ने स्थानीय कार्यकर्ताओं का परिचय अखिलेश यादव से कराया।
इसके बाद अखिलेश घर के अंदर गए, जहां अफजाल सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने उनका स्वागत किया। हल्का जलपान करने और करीब 45 मिनट तक बातचीत के बाद अखिलेश वहां से बाहर निकले और फिर हेलीपैड पहुंचे।
हेलीपैड पह ही सपा प्रमुख ने मीडिया से बात की और मुख्तार की मौत से जुड़े सवाल पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट से सिटिंग जज से मामले की जांच कराई जाए तो मौत की सच्चाई सामने आएगी। अखिलेश से जब पूछा गया कि आपको न्यायिक जांच पर भरोसा है? तब उन्होंने कहा कि हमें इस सरकार पर ही भरोसा नहीं है।
गाजीपुर में मीडिया से बात करते हुए सपा प्रमुख ने केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। |
सपा सुप्रीमो ने केंद्र पर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाए और कहा कि यह सरकार कस्टोडियल डेथ के मामले में रिकॉर्ड बनाना चाहती है। ऐसे कई लोगों की मौतें हो चुकी हैं, जिन्होंने जेल में रहते हुए हत्या की आशंका जताई थी।
अखिलेश यादव ने कहा कि हमने मुख्तार के परिजनों से मुलाकात की है। हमारी बातचीत हुई और इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहते। आप मीडिया वाले लोग हैं और सब समझते हैं। अभी आप ही सही बात दिखा देंगे तो हो सकता है कि आप पर कार्रवाई हो जाए।
मीडिया से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि इतने सालों तक जेल में रहने के बाद भी जनता उन्हें चुनती रही, इससे साफ है कि वे लोगों की मदद करने वाले इंसान थे। लोकतंत्र में जनता उसी पर भरोसा करती है, जो लोगों के दुख-दर्द को समझता है।
अखिलेश ने कहा कि उनकी मौत के बाद जिस तरह से लोग लगातार परिवार से जुड़ रहे इससे पता चलता है कि यह परिवार आम लोगों के लिए काम करने वाला परिवार है।
इससे पहले 1 अप्रैल यानी 6 दिन पहले अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव ने मुख्तार अंसारी के परिवार वालों से मुलाकात की थी और मुख्तार की कब्र पर फूल भी चढ़ाया था।
बांदा जेल में बंद मुख्तार की 28 मार्च को कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी। 30 मार्च को गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में मुख्तार के शव को दफनाया गया था। इसके बाद से उनके आवास पर नेताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ, जो अभी तक जारी है।