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अब्बास अंसारी बेटे का माथा चूमा, चुप कराया...बोला- अब्बा तुम्हारे लिए टॉय लेने जा रहे

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. दो दिन पहले ही 10 अप्रैल को अब्बास अंसारी को अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातेहा पढ़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गाजीपुर लाया गया था। फातेहा में शामिल होने से पहले अब्बास अंसारी को उसके पैतृक आवास फाटक ले जाया गया था।
जहां से फातेहा पढ़ने के लिए कब्रिस्तान जाते वक्त का एक वीडियो सामने आया है। इसमें अब्‍बास अंसारी अपने परिजनों और रिश्‍तेदारों से मुलाकात करता नजर आ रहा है। उसी समय अब्बास का बेटा साथ जाने की जिद करने लगता है और रोने लगता है। यह इमोशनल वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।

बेटे को शांत कराते अब्बास कहता है कि अब्बू आपके लिए टॉय (खिलौना) लेने जा रहे हैं। अब्बा आपके लिए टाइगर लेकर के आएंगे बेटा। उसके बाद कहता है बाबू का सोना के पास लेकर जाओ, बाबू को सोना बुला रही है। इतना कहकर अब्बास घर से निकल जाता है।

अब्बास अपने हाथ में पॉलीबैग लिए फाटक से बाहर निकलता है। उसके बाद वह अपने कुछ परिचित और जानने वालों से हाथ मिलाकर और गले मिलकर अभिवादन करता है। इसके बाद वह हाथ में जेल वैन की ओर बढ़ता है। वैन में जाने से पहले पीछे मुड़कर अपने लोगों से कहता है कि अच्छा चलते हैं। आप सब लोग अपना ख्याल रखिए।

बता दें कि अब्बास अंसारी को मंगलवार 9 मार्च को शाम 7.45 बजे कासगंज जेल से गाजीपुर जिला जेल के लिए रवाना किया गया था। 13 घंटे का सफर कर बुधवार सुबह 9 बजे अब्बास का काफिला गाजीपुर जेल पहुंचा।
गाजीपुर जेल से करीब 3.30 बजे भारी सुरक्षा के बीच मुहम्मदाबाद ले जाया गया। घर पहुंचते ही सबसे पहले अब्बास परिवार के साथ कुरानख्वानी में शामिल हुआ। फातेहा पढ़ने के बाद अब्बास अंसारी को फिर गाजीपुर जेल भेज दिया गया।

मुख्तार अंसारी की मौत बांदा जेल में 28 मार्च को हुई थी। 29 मार्च की देर रात को शव गाजीपुर जिले के पैतृक आवास मोहम्मदाबाद के फाटक लाया गया था। 30 मार्च को मुख्तार का शव पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया गया।

मुख्तार अंसारी के जनाजे में अब्बास के शामिल होने के लिए अंसारी परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। लेकिन पीठ के समक्ष अर्जी पर सुनवाई न हो पाने के कारण अब्बास को जमानत नहीं मिल सकी। वह जनाजे में शामिल नहीं हो सका था। जिसके बाद परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने आदेश दिया कि अब्बास को अनुष्ठान में शामिल होने के लिए 9 अप्रैल की शाम तक उसके घर गाजीपुर ले जाया जाए। 13 अप्रैल को कासगंज जेल वापस लाया जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उसे गाजीपुर लाया गया है।
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