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इश्क़ में दीवाने कक्षा 8 पास वार्डबॉय ने दी जान...छोड़ कर चली गई थी लिव-इन पार्टनर

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, झांसी. कक्षा 8 पास वार्डब्‍वॉय को एक टीचर से प्यार हो गया। दोनों लिवइन रिलेशनशिप में रहने लगे। उसके प्यार में वह ऐसा दीवाना था कि लोन लेकर उसके जेवर भी बनवाए।
इसके बाद वह उसको छोड़कर चली गयी। उसके जाने के बाद वह विक्षिप्तों की तरह हरकतें करने लगा। बीते रोज उसने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।

थाना नवाबाद क्षेत्र के गुमनावारा निवासी विनय उपाध्याय (33) मेडिकल कॉलिज में वार्डब्‍वॉय के पद पर काम करता था। उसके मौसेरे भाई संजय ने बताया कि विनय के पिता की वर्ष 2001 में मृत्यु हो गयी थी। उसकी माँ श्यामलली मेडिकल कॉलिज में कर्मचारी थी।

उनकी 2011 में मृत्यु हो गई थी। मौसी की मृत्यु के बाद विनय उसके घर पर रहने लगा था। उसको मां की जगह मेडिकल कॉलिज में वार्डब्‍वॉय की नौकरी मिल गई थी। इस दौरान उसकी एक युवती से दोस्ती हो गई, वह टीचर है। कुछ समय बाद दोनों के बीच प्यार हो गया और फिर दोनों साथ रहने लगे थे।

विनय ने बैंक से डेढ़ लाख रुपए का लोन लेकर युवती के लिए जेवर बनवाए थे। कुछ दिन साथ रहने के बाद युवती जेवर और अन्य सामान लेकर चली गई थी। इसके बाद युवती और उसके परिजन विनय को धमकाने लगे थे।

इससे वह डिप्रेशन में रहने लगा था। प्यार में धोखा मिलने से उसके दिमाग पर इतना गहरा सदमा पड़ा कि वह अजीब-अजीब हरकतें करने लगा था। वह लोगों से कम बोलता था और अकेला रहना पसन्द करता था। लम्बे समय से वह नौकरी पर भी नहीं जा रहा था।

संजय ने बताया कि बीते रोज दोपहर को वह मां को लेकर हॉस्पिटल गया था। विनय घर पर था। 13 साल की भतीजी संस्कृति कमरे के अन्दर गई तो विनय फांसी पर लटका था। वह चिल्लाते हुए बाहर आयी। उसकी आवाज सुनकर आसपास के लोग आ गए। विनय को फांसी के फन्दे से उतरकर मेडिकल कॉलिज ले गए, जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। 

चचेरे भाई संजय ने बताया कि विनय लगभग 3 माह पहले भी आत्महत्या की कोशिश कर चुका था। उस समय वह घर पर था। जैसे ही वह फांसी के फन्दे पर लटका, तो उसको तुरन्त उतारकर मेडिकल कॉलिज लाए थे। इलाज के बाद विनय की जान बच गई थी। विनय की मौत के बाद भी उसकी प्रेमिका घर पर नहीं आयी।

थाना नवाबाद प्रभारी निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि विनय का एक युवती से प्रेम सम्बन्ध थे। वह उसको छोड़कर चली गयी थी, जिसके बाद उसकी मानसिक स्थित बिगड़ गयी थी। वह घर से साड़ी पहनकर, बिन्दी लगाकर महिला के वेशभूषा में निकल जाता था।

लगभग 3 माह पहले उसने आत्महत्या का प्रयास किया था। लम्बे समय से वह अपनी ड्यूटी पर भी नहीं गया था। मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
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