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प्रधानमंत्री मोदी आज रखेंगे गोरखपुर कैंट से वाल्मीकि नगर दोहरीकरण की आधारशिला

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज यानी 6 मार्च को बिहार स्थित पश्चिम चंपारण के बेतिया से 8700 करोड़ लागत की परियोजनाओं के साथ गोरखपुर कैंट से वाल्मीकिनगर तक 96 किलोमीटर रेल लाइन के दोहरीकरण व विद्युतीकरण की आधारशिला भी रखेंगे। दोहरीकरण से पूर्वोत्तर रेलवे की ट्रैक क्षमता बढ़ जाएगी। मांग के अनुसार अधिक संख्या में ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। उत्तर व पूर्वोत्तर को पूर्वी भारत के लिए एक नया वैकल्पिक रेल मार्ग मिल जाएगा।
गोरखपुर-नरकटियागंज रूट पर 15 अतिरिक्त मालगाड़ियों और दर्जन भर यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर और पश्चिमी चंपारण के लोगों को राहत मिलेगी। निर्माण कार्य के दौरान 32 लाख मानव दिवस का सृजन होने से क्षेत्रीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
रेलवे प्रशासन ने निर्माण कार्य शुरू करने के लिए गोरखपुर कैंट से कप्तानगंज तक करीब 36 किमी रेल लाइन के दोहरीकरण के लिए एजेंसी नामित कर दी है, जो मिट्टी और गिट्टी भराई के अलावा स्टेशनों के विस्तार, प्लेटफार्म और पुल निर्माण का कार्य करेगी। कप्तानगंज से वाल्मीकिनगर तक निर्माण के लिए भी जल्द ही टेंडर फाइनल कर लिया जाएगा।
बता दें की गंडक नदी पर करीब 854 मीटर लंबे पुल का निर्माण होगा। गोरखपुर से वाल्मीकिनगर के बीच 16 बड़े व 38 छोटे पुल बनेंगे। कैंट, उनौला, पिपराइच, बोदरवार, कप्तानगंज, घुघली, सिसवा बाजार, पनियहवा, वाल्मीकिनगर सहित 10 क्रासिंग स्टेशन व महुअवा खुर्द और गुरलीराम गढ़वा हाल्ट स्टेशन बनेंगे। कुल 96 किमी दोहरीकरण में लगभग 89 किमी उत्तर प्रदेश और लगभग 06.05 किमी बिहार में निर्माण होगा। दोहरीकरण को पूरा करने के लिए 1120 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत है।
निर्माण कार्य आरंभ करने के लिए रेल मंत्रालय ने बजट में 310 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। रेल मंत्रालय ने वर्ष 2019-20 में कैंट-वाल्मीकिनगर रेलमार्ग के दोहरीकरण की स्वीकृति प्रदान की थी। 16 अगस्त 2023 को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने गोरखपुर कैंट- वाल्मीकिनगर दोहरीकरण की मंजूरी दे दी। 3 साल में दोहरीकरण पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है।
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