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गाजीपुर में होली पर लोगों ने किया करोड़ों रुपए का मदिरा पान, भांग की भी हुई जमकर बिक्री

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में होली के त्योहार पर परंपरा अनुसार लोग वर्षों से भांग और ठंडाई का उपयोग करते आ रहे हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे होली पर भांग और ठंडाई का उपयोग घटता जा रहा है। और शराब की बिक्री प्रति वर्ष नये रिकॉर्ड बना रही है। इस बार होली पर शराब का यह रिकॉर्ड 1 करोड रूपए की बिक्री के आंकड़े को पार कर गया। जो सैदपुर में बीते वर्षों के दौरान हुई शराब की बिक्री का एक नया रिकॉर्ड है।
बता दे की वर्षों पुरानी परंपरा अनुसार होली के दिन भांग और ठंडाई का प्रयोग होता आ रहा है। जिसका जिक्र होली के पारंपरिक गानों में भी मिलता है। लेकिन अब भांग की बर्फी, गुलाब जामुन, कुल्फी आदि धीरे-धीरे बाजार से लुप्त होते जा रहे हैं। बरस दर बरस होली पर्व पर भांग और ठंडाई की बिक्री, शराब के बिक्री की अपेक्षा घटती जा रही है। इसके बजाय होली के त्योहार पर शराब की बिक्री बरस दर बरस नए रिकॉर्ड बनाते जा रही है।

आबकारी इंस्पेक्टर नीरज पाठक ने संवाददाता को बताया कि सैदपुर में देसी, अंग्रेजी और बियर सभी को मिलाकर शराब की कुल 74 दुकानें हैं। सभी दुकानों को मिलाकर सैदपुर में होली के 1 दिन पूर्व, एक दिन की बिक्री लगभग ₹1 करोड़ 10 लाख हुई है। जो बीते वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष का एक नया रिकॉर्ड है। इसी प्रकार सैदपुर में भांग की कुल 13 दुकाने संचालित हैं। जिनकी बिक्री का एग्जैक्ट आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन अनुमान है कि सैदपुर में होली पर्व पर इस बार भांग की बिक्री लगभग एक लाख रुपए रही होगी।

जानकारों का मानना है कि होली पर हमारे पूर्वजों ने भांग और उससे बनी ठंडाई, मिठाई आदि का उपयोग इसलिए शुरू किया, क्योंकि भांग के सेवन से हमारे दिमाग के न्यूरॉन्स ज्यादा डिफेंसिव हो जाते हैं। वह निर्णय लेने से पहले उसके हर पहलू पर विचार करते हैं। जिससे निर्णय के दौरान गलती की संभावना कम रहती है। इसका सेवन करने वाले लोगों के बीच मारपीट और झगड़े की संभावना बेहद कम हो जाती है।

वही शराब के सेवन से हमारे दिमाग के न्यूरॉन्स की स्पीड बढ़ जाती है। और वह तेजी से निर्णय लेने लगता है। जिसके कारण शराब के सेवन के बाद लोग ज्यादा बेधड़क और प्रतिक्रिया देने में तेजी दिखाने लगते हैं। ऐसे में उनसे गलती की संभावना बढ़ जाती है। जिसके कारण दुर्घटना और वाद विवाद की संभावना बढ़ जाती है। इससे हमारा दिमाग ज्यादा एग्रेसिव हो जाता है।
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