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गाजीपुर जिले के सोनवल रेलवे स्टेशन से गाजीपुर घाट नई रेल लाइन बनकर और ट्रेन सज कर तैयार; PM आज करेंगे उद्घाटन

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के ताड़ीघाट-मऊ रेल विस्तारिकरण परियोजना के अंतर्गत नवनिर्मित सोनवल स्टेशन से गाजीपुर घाट स्टेशन के बनी नई रेल लाईन का आज पीएम मोदी आजमगढ़ से वर्चुअल लोकार्पण करेंगे। मालूम हो कि‌ परियोजना के उद्घाटन को लेकर सिटी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर आयोजित कार्यक्रम में एलईडी टीवी प्रधानमंत्री के वर्चुअल लोकार्पण को लाइव देखा जा सकेगा। 
इसके बाद एक नई ट्रेन गाजीपुर सिटी स्टेशन से सोनवल के लिए रवाना होगी। इस रेल रूट के बीच गंगा नदी पर रेल कम रोड ब्रिज भी बनाया गया है। महकमें के अनुसार नवनिर्मित रेल सह सडक पुल को करीब चार लाख की लागत से बारह किस्म के 40 कुंतल फूलों सजाया गया है।

मालूम हो कि 1962 में तत्कालीन सरकार के द्वारा गठित पटेल आयोग की रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र व जिले में बेहतर रेल इंफ्रास्ट्रकचर विकसित करने के लिए वर्तमान सरकार ने 2016 जून महीने में इसे अपनी स्वीकृति दी थी। मालूम हो कि प्रधानमंत्री ‌‌मोदी ने चौदह नवंबर 2016 को 1766 करोड़ कि इस परियोजना की‌ आधारशिला रखी थी। इसके तहत सोनवल एवं घाट पर 25-25 करोड़ की लागत से दो नये रेलवे स्टेशन बने जिसकी लम्बाई करीब 620 मीटर है। सोनवल यार्ड में कुल सात ट्रैक बिछाई गई है, यहाँ चार प्लेटफार्म है, जबकि घाट पर तीन प्लेटफार्म है जहाँ कुल तीन नई ट्रैक बिछाई गई है।

रेल महकमें के अनुसार गंगा नदी पर स्थित नवनिर्मित रेल सह सड़क पुल का निर्माण करीब 420 करोड़ की लागत से किया गया, जिसकी लम्बाई करीब 1050 मीटर है। इस पुल से एक साथ सवारियों से भरी दो ट्रेन व ऊपर दोनों तरफ सौ टन लोडेड मालवाहक वाहन आराम से गुजर सकते है। महकमें के अनुसार यह रेल सह सड़क पुल प्रदेश का पहला व एकमात्र पुल है जो नवीन तकनीकी स्ट्रील ट्रस डिजाइन (नट बोल्ट के तकनीकी के आधार पर) के आधार पर बनकर तैयार है।

सोनवल से सिटी जाने वाले लाइन की लम्बाई 9.600 जबकि सोनवल से घाट जाने वाली लाइन की दूरी 7.156 किमी है। इस परियोजना के चालू होने के बाद यह रुट देश के हर रेल जोन से जुड़ जाएगा। इसका सीधा लाभ जिले ही नहीं पूरे पूर्वी यूपी सहित पड़ोसी राज्य बिहार को भी मिलेगा। इससे रेल कनेक्टिक्टविटि बढने से आवागमन में सहुलियत होगी। साथ ही रोजगार, शिक्षा, उद्योग धंधे आदि के क्षेत्र में यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी।
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