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यूपी बोर्ड का पेपर लीक करने वाला प्रबंधक का बेटा गिरफ्तार; जीव विज्ञान और गणित का पेपर वॉट्सऐप किया था

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, आगरा. यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में गुरुवार को इंटरमीडिएट गणित और जीव विज्ञान के प्रश्न पत्र लीक करने के मुख्य आरोपी विनय चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले पुलिस श्री अतर सिंह इंटर कॉलेज के प्रबंधक राजेंद्र सिंह उर्फ हुड्डा व अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह को जेल भेज चुकी है। पुलिस विनय से पूछताछ करेगी।
श्री अतर सिंह इंटर कॉलेज के प्रबंधक राजेंद्र सिंह उर्फ हुड्डा व अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह 
गुरुवार को दोपहर 2 से शाम 5:15 बजे तक की पाली में गणित और जीव विज्ञान की परीक्षा थी। हाईस्कूल का कृषि का प्रश्नपत्र भी चल रहा था। दोपहर करीब 3.10 बजे वॉट्सऐप के आल प्रिंसिपल ग्रुप पर जीव विज्ञान और गणित के प्रश्नपत्रों की फोटो भेजी गई। ये फोटो विनय चौधरी नाम के व्यक्ति ने मोबाइल नंबर 9897525748 से पोस्ट किए थे।
जीव विज्ञान के पेपर का कोड 368 जीएल व सीरियल 153 था। पेपर के सभी पन्नों को ग्रुप में डाला गया। इसके अलावा गणित के पेपर का कोड 324 एफ था। इस ग्रुप में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्रधानाचार्य और शिक्षक जुड़े हुए थे। कुछ शिक्षकों ने प्रश्नपत्र लीक होने की बात कही तो प्रश्नपत्र को डिलीट कर दिया गया। तब तक बड़ी संख्या में लोग प्रश्नपत्र को देख चुके थे। यह वायरल भी हो गए।
पेपर लीक होने की खबर पर अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। सूचना माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को दी गई। इस मामले में डीआईओएस दिनेश कुमार की ओर से केंद्र व्यवस्थापक, उसके बेटे कंप्यूटर ऑपरेटर विनय चौधरी, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह व स्टेटिक मजिस्ट्रेट गजेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
मुख्य आरोपी विनय चौधरी
पुलिस ने शुक्रवार को केंद्र व्यवस्थापक राजेंद्र कुमार व अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मुख्य आरोपी विनय चौधरी फरार चल रहा था। पुलिस ने शुक्रवार रात को विनय को भी गिरफ्तार कर लिया। माना जा रहा है कि पूछताछ में विनय से कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती हैं। वहीं, पेपर लीक के मामले में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने श्री अतर सिंह इंटर कॉलेज की मान्यता समाप्त करने का निर्णय लिया है।
कहीं कॉपी तो नहीं लिखवाई जा रही थीं
पेपर लीक होने करने के पीछे माना जा रहा है कि कहीं नकल माफिया बाहर कॉपी तो नहीं लिखवा रहे थे। उन्हें की वॉट्सऐप पर पेपर भेजा जा रहा था। जिससे वो प्रश्नों को देखकर कॉपी में उनके सही उत्तर लिख दें। बाद में कॉपियों को बदल दिया जाए। शिक्षा विभाग से जुडे़ लोगों का कहना है कि अगर प्रबंधक और उसके बेटे से सख्ती से पूछताछ की जाए तो चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
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