बाहुबली से माननीय बने माफिया मुख्तार को एक बार फिर मिला उम्रकैद; सजा के बाद मायूस हुआ डॉन
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/वाराणसी. वाराणसी MP/MLA कोर्ट ने बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने फर्जी हस्ताक्षर कर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में मुख्तार को दोषी पाया है। तीन साल के अंदर मुख्तार को 8वीं सजा सुनाई गई है। जबकि वाराणसी कोर्ट ने तीसरी सजा सुनाई है। मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनवाई में जुड़ा और सजा के बाद मायूस हो गया।
मंगलवार को उसने सुनवाई शुरू होने से पहले कम सजा की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने कल फैसला सुरक्षित रख लिया था। इंटरस्टेट गैंग 191 का सरगना मुख्तार अंसारी 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में बंद है। उसके खिलाफ यूपी, दिल्ली, पंजाब में 65 मुकदमे दर्ज हैं।
36 साल पहले फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस लेने के मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी के खिलाफ विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में सुनवाई होगी। बांदा जेल से मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होगा।
अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ल और एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने दलील दी कि मुख्तार ने लंबे समय तक शस्त्र का उपयोग किया था। मुख्तार के खिलाफ कोर्ट में अब तक 10 गवाही हुई है। पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और पूर्व डीजीपी देवराज नागर की गवाही को कोर्ट ने आधार माना और मुख्तार को दोषी पाया।
CBCID ने दाखिल की चार्जशीट
पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से उसने शस्त्र लाइसेंस लिया था। केस में CBCID ने 4 दिसंबर 1990 को गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत 5 नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के खिलाफ 1997 में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो जाने के कारण 18 अगस्त 2021 को उसे केस से हटा दिया।
मुख्तार को 17 महीने में 7 मामलों में सजा, 8वें में दोषी करार
माफिया मुख्तार अंसारी पर अब तक कुल 65 मामले दर्ज हो चुके हैं। जिनमें से 7 मामलों में मुख्तार को सजा हो चुकी है। आज सुनवाई के दौरान MP-MLA कोर्ट ने एक और मामले में दोषी पाया है। धारा 428,467,468,120B आज कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। मुख्तार के विरुद्ध लंबित 65 मुकदमों में वर्तमान में 21 मुकदमों में कोर्ट में विचारण चल रहा है।
बाहुबली से माननीय बने माफिया मुख्तार अंसारी के विरुद्ध सजा का सिलसिला 21 नवंबर, 2022 को शुरू हुआ था। पहली बार पुलिस उसे कानूनी दांवपेंच में पटखनी दे पाई थी। लखनऊ के आलमबाग थाने में वर्ष 2003 में जेलर को धमकाने के जिस मुकदमे में मुख्तार अंसारी को एडीजे कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया गया था, उसे सरकार ने 27 अप्रैल, 2021 को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और इसी मामले में उसे पहली बार सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी।
इसके बाद 23 सितंबर, 2022 को मुख्तार को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में पांच वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। फिर 15 दिसंबर, 2022 को उसे गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 वर्ष के कारावास की सजा और 29 अप्रैल, 2023 को गाजीपुर में ही दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 वर्ष कारावास की सजा हुई थी। मुख्तार को पांच जून, 2023 काे पहली बार हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वाराणसी के बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड के गैंगस्टर में मुख्तार को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। इसके बाद मुख्तार को 27 अक्टूबर, 2023 को गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के ही मामले में 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी।