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मुख्तार अंसारी को मिट्टी देने नहीं आई पत्नी अफशां, 2 साल से है फरार, 75 हजार का है इनाम

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. 30 मार्च की सुबह मुख्तार अंसारी के साथ उसका रसूख भी दफन हो गया। घर से 900 मीटर दूर काली बाग कब्रिस्तान तक चले जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए। करीब दो साल से फरार चल रही अफशां जनाजे में शामिल होने नहीं आई। अफशां को दो जिलों की पुलिस खोज रही है। 75 हजार का इनाम है।
अफशां अंसारी की यह फोटो 2022 की है। अफशां इसके बाद नजर नहीं आई।
पिछले साल 16 अप्रैल को अतीक-अशरफ के जनाजे में भी दोनों की पत्नियां नहीं आई थीं। इन बाहुबलियों के आपराधिक इतिहास में इनकी पत्नियों की भी भूमिका रही है। यही कारण है कि जब इनकी मौत हुई तब इनकी पत्नियां आखिरी बार इन्हें देख तक नहीं सकीं।

अफवाह उड़ी अफशां ने मुख्तार को वीडियो कॉल से देखा
30 मार्च को जब मुख्तार अंसारी का जनाजा काली बाग कब्रिस्तान के लिए निकला तब अफवाह फैली कि मुख्तार के ही एक रिश्तेदार ने वीडियो कॉल के जरिए अफशां को आखिरी बार मुख्तार का चेहरा दिखाया। मीडिया में खबर चली। प्रशासन से पूछा गया तो उन्होंने साफ कह दिया कि ऐसी कोई भी जानकारी हमारे पास नहीं है। आखिर अफशां फरार क्यों है? आइए समझते हैं।

मऊ जिले के रैनी गांव में ग्राम सभा के जरिए कुछ गरीबों को पट्टे पर जमीन दी गई। कुछ दिनों बाद इस जमीन को अफशां अंसारी और उसके दो भाई अनवर शहजाद व आतिफ रजा के नाम कर दिया गया। इन सबने मिलकर यहां विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई और एक बड़ा सा गोदाम तैयार किया। उसे FCI को किराए पर दे दिया। 2020 में जमीन को लेकर तहसीलदार के पास शिकायत पहुंची। जांच हुई तो पता चला की गलत तरीके से जमीन पर कब्जा हुआ है।

तहसीलदार की शिकायत पर अफशां समेत 5 लोगों पर केस दर्ज हुआ। रविंद्र नारायण सिंह और जाकिर हुसैन को गिरफ्तार किया गया। अफशां और उसके दो भाई फरार हो गए। फरारी के दौरान ही अफशां ने हाईकोर्ट में गिरफ्तारी रोकने के लिए याचिका दायर की, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। जुलाई 2022 में पुलिस को इनपुट मिला कि वह घर पर है, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह फरार हो गई।

अफशां पर दूसरा केस मनी लॉड्रिंग का दर्ज हुआ। ये मामला विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी और आगाज कंस्ट्रक्शन कंपनी से जुड़ा था। दोनों कंपनियों पर अफशां के भाई का मालिकाना हक था। नवंबर 2020 में ईडी ने इस मामले में मुख्तार और अफजाल से भी पूछताछ की थी। 2022 में ईडी ने 2200 पन्नों की चार्जशीट प्रयागराज की स्पेशल कोर्ट में दाखिल किया था। उस मामले में अफशां का नाम सबसे ऊपर था।

लगातार फरारी के चलते 31 जनवरी 2022 को अफशां के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगा दिया गया। अफशां पर आरोप लगा कि अपनी गैंग के जरिए उन्होंने गाजीपुर में गजल होटल लैंड डील व नंदगंज में सरकारी जमीन पर कब्जा किया था। कोर्ट ने उन्हें पेश होने का आदेश दिया। लेकिन वह नहीं आई। इस मामले में 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था।

19 अप्रैल 2023 को गाजीपुर पुलिस ने मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स की लिस्ट जारी की। जिले के SP ओमवीर सिंह ने 11 नाम पढ़े। 12वां मुख्तार की बीवी अफशां का था। उन्होंने कहा- अफशां की इनामी राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी गई है। दूसरी तरफ मऊ जिले की पुलिस ने भी 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा है।

पुलिस रिकॉर्ड में अफशां अंसारी की आइडेंटिटी इंटर स्टेट-191 गैंग की सदस्य के तौर पर है। यूपी पुलिस अफशां की तलाश में गाजीपुर, मोहम्मदाबाद, मऊ व लखनऊ में दबिश दे रही है।

मुख्तार के जनाजे में अगर अफशां आती तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता। उनके खिलाफ कुल 11 मामले दर्ज हैं। अब तक एक बार भी पुलिस के सवालों का जवाब नहीं दिया है। किसी भी कोर्ट में नहीं पहुंची है। दो जिलों की पुलिस इनाम घोषित करके खोज रही है। इसी गिरफ्तारी से बचने के लिए वह अपने पति कि मौत के बाद भी नहीं आई।

अफशां के अलावा कासगंज जेल में बंद विधायक बेटे अब्बास अंसारी को भी मुख्तार के जनाजे में शामिल होने की परमिशन नहीं मिली। इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं हुई। इस फैसले के बाद अब्बास कासगंज जेल में फूट-फूटकर रोया था।
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