Today Breaking News

माफिया मुख्तार अंसारी बीमार है! कहा- हाथ-पैर ठंडे पड़ रहे, लग रहा दम निकल जाएगा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ/बाराबंकी. यूपी की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी बीमार है। बाराबंकी की MP/MLA कोर्ट में गुरुवार (21 मार्च) को फर्जी एम्बुलेंस मामले में सुनवाई हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी होनी थी। लेकिन मुख्तार पेश नहीं हुआ। उसकी जगह डिप्टी जेलर महेंद्र सिंह कोर्ट में पेश हुए। मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन भी कोर्ट पहुंचे और एक एप्लिकेशन दी।
इसमें मुख्तार की तरफ से कहा गया- साहब, 19 मार्च की रात मुझे खाने में जहरीला पदार्थ दिया गया है, जिसकी वजह से मेरी तबीयत खराब हो गई। मेरे हाथ-पैर और शरीर की नसों में दर्द हो रहा है। हाथ-पांव ठंडे हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि मेरा दम निकल जाएगा। 40 दिन पहले भी मेरे खाने में धीमा जहर दिया गया था।

जो स्टाफ खाना बनाने के बाद चख कर मुझे देता है, वह भी बीमार पड़ गया और उसका इलाज कराया गया। इसलिए इलाज के लिए व्यवस्था करवाई जाए। साथ ही मेडिकल बोर्ड बनाकर जांच करवाई जाए। सुनवाई के दौरान डिप्टी जेलर ने कोर्ट को बताया कि मुख्तार बीमार है। जिसकी चलते वह पेश नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने 29 मार्च की तारीख लगा दी।
पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी जेल से कोर्ट में पेशी पर जाने के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल करता था। वह बाराबंकी के ARTO कार्यालय में फर्जी कागजों पर मऊ की डॉ. अलका राय के नाम से रजिस्टर्ड थी। मामला सामने आने पर ARTO ने डॉ. अलका राय के खिलाफ केस दर्ज कराया था।

4 मार्च, 2022 को तत्कालीन डीएम ने मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर केस को मंजूरी दी थी। इसके बाद 25 मार्च 2022 को तत्कालीन शहर कोतवाल ने मुख्तार और उसके 12 सहयोगियों के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद अब इस मामले का ट्रायल MP/MLA कोर्ट में चल रहा है।

मुख्तार को 17 महीने में 8 बार सजा हो चुकी है। इसमें से 2 उम्रकैद की सजा है। मुख्तार को पहली सजा 23 सितंबर 2022 को हुई थी। वहीं, 8वीं सजा 13 मार्च 2024 को हुई थी। मुख्तार के खिलाफ सजा का सिलसिला 21 नवंबर, 2022 को शुरू हुआ था। लखनऊ के आलमबाग थाने में 2003 में जेलर को धमकाने के मामले में ADJ कोर्ट ने दोषमुक्त किया। सरकार ने 27 अप्रैल, 2021 को हाईकोर्ट में मामले को चुनौती दी। इसी मामले में उसे पहली बार 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।
'