टिकट मिलने पर रवि किशन ने कार्यकर्ताओं संग किया डांस; बोले- इस बार जीत ऐतिहासिक होगी
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. गोरखपुर में भाजपा से दूसरी बार प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सांसद रवि किशन खुशी से झूम उठे। उन्होंने सबसे पहले गोरखनाथ मंदिर पर शनिवार देर शाम 7.45 बजे दर्शन किया। उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद वे तारामंडल स्थित अपने निजी आवास पर पहुंचे।
रविकिशन का कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। उनके घर पर पहुंचते ही खूब आतिशबाजी हुई। बैंड और ढोल की धुन पर सांसद रवि किशन भी कार्यकर्ताओं के संग खूब थिरके। इसके साथ ही उन्होंने दिव्यांग कार्यकर्ता से माला पहनकर उनका अभिवादन किया।
टिकट मिलने के बाद सांसद रवि किशन ने कहा, ''इस बार ऐतिहासिक जीत दर्ज करेंगे। शीर्ष नेतृत्व ने मुझपर जो विश्वास जताया है, उस पर खरे उतरेंगे। यह विश्वास दिलाते हैं। इस बार की जीत ऐतिहासिक होगी। पार्टी, संगठन ने मुझ पर विश्वास किया। दूसरी बार जन-कल्याण एक सेवक के रूप में पार्टी ने मौका दिया।
जैसे प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो सोचा है, जो उनकी करनी है, गरीबों का कल्याण करो। गरीबों के लिए रहो क्षेत्र में रहो। हर आखिरी गांव तक पहुंचे। हर लाभार्थी तक पहुंचे। हर टोले में पहुंचे। उस सोच को लेकर पार्टी ने पार्टी ने मुझ पर दोबारा विश्वास जताया। मैं विश्व के सबसे बड़े संगठन भारतीय जनता पार्टी को इसके लिए धन्यवाद देता हूं और मैं वचन देता हूं। जो भरोसा दिखाया है, पार्टी ने उस पर मैं कायम रहूंगा।''
वहीं, गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ लोकसभा सीटों में से देवरिया को छोड़कर भाजपा ने एक बार फिर पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया है। इन 9 सीटों में से गोरखपुर में सपा-कांग्रेस गठबंधन से काजल निषाद और बस्ती में राम प्रसाद चौधरी के नाम की घोषणा को छोड़ दें तो विपक्ष को अभी पत्ते खोलना है। देवरिया, बांसगांव और महराजगंज की लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में है। शेष 4 सीटों पर सपा को भाजपा के मुकाबले के लिए मजबूत प्रत्याशी तलाशना है।
गोरखपुर लोकसभा सीट पर तस्वीर साफ हो गई है। यहां भाजपा के रवि किशन और सपा की काजल निषाद के बीच सीधी टक्कर होगी। बसपा यदि यहां वोट काटने की भूमिका में भी आ सकती है। वहीं, बांसगांव लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में हैं। यहां कांग्रेस को मजबूत चेहरा तलाशना है। पूर्व सांसद कमल किशोर कमांडो के साथ जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं।
देवरिया सीट पर भाजपा ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। ऐसे में डॉ.रमापति राम त्रिपाठी के टिकट को लेकर लोग अपने-अपने तरीके से चर्चा कर रहे हैं। यहां शलभ मणि की चर्चा है। हालांकि पिछले दिनों सपा सरकार में मंत्री रहे राधेश्याम सिंह के सुर जिस प्रकार बदले हैं, उसे देखते हुए चर्चाओं का बाजार गर्म है।
हालांकि राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि राधेश्याम की भाजपा में एंट्री आसान नहीं है। ऐसे में शलभ मणि त्रिपाठी या फिर किसी नये चेहरे पर भाजपा दांव लगा सकती है। देवरिया जिले की सलेमपुर सीट से पार्टी ने लगातार तीसरी बार रविन्द्र कुशवाहा को टिकट दिया है। दो बार के सांसद रविन्द्र कुशवाहा पूर्व सांसद हरिकेवल प्रसाद के पुत्र हैं। डुमरियागंज में उम्र के बैरियर के चलते जगदम्बिका पाल के टिकट को लेकर संशय था। लेकिन पुराने खिलाड़ी पाल टिकट हासिल करने में कामयाब रहे हैं।
महराजगंज में पंकज चौधरी सातवीं जीत के लिए चुनावी मैदान में रहेंगे। यहां से सपा-कांग्रेस गठबंधन की तरफ से कांग्रेस को टिकट की घोषणा करनी है। यहां से पार्टी तेजतर्रार प्रवक्ता और पूर्व सांसद स्व.हर्षवर्धन की पुत्री सुप्रिया श्रीनेता को उतार सकती है। वहीं कुशीनगर से विजय दूबे पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है। कुशीनगर में पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह को राज्यसभा में भेजे जाने के बाद विजय दूबे का टिकट तय माना जा रहा था। यहां सपा किस चेहरे पर दांव लगाएगी तय होना है।
संतकबीर नगर में निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को पार्टी ने एक बार फिर मैदान में उतारा है। उन्होंने 2018 में गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा के टिकट पर भाजपा के उपेन्द्र दत्त शुक्ला को हराकर जीत हासिल की थी। इसके बाद 2019 में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।
संतकबीरनगर सीट पर उन्होंने पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी को हराकर जीत हासिल की थी। भीष्म शंकर श्रावस्ती जिले से तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में यहां सपा को नए चेहरे पर दांव लगाना है। वहीं बस्ती सीट से पार्टी ने हरीश द्विवेदी पर एक बार फिर भरोसा जताया है। उन्होंने 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में अच्छे वोटों के अंतर से जीत हासिल किया था। बस्ती में सपा की तरफ से राम प्रसाद चौधरी मैदान में हैं।