बनारस की सीमा में प्रवेश करते ही गठबंधन के उम्मीदवार अजय राय का हुआ स्वागत, कांग्रेस के साथ सपा कार्यकर्ता मौजूद रहे
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/वाराणसी. वाराणसी लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार अजय राय का बनारस पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। शाम को करीब 4 बजे अजय राय बनारस पहुंचे। बनारस की सीमा में प्रवेश करते ही उन्होने सबसे पहले लक्ष्मी नारायण मंदिर में दर्शन पूजन किया।
अजय राय के स्वागत में कांग्रेस के साथ ही सपा के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। लोगों ने उन्हे फूल मालाओं से लाद दिया। शहर के मलदहिया चौराहा पहुंचकर उन्होने सरदार पटेल की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इस दौरान कार्यकर्ता हर हर महादेव और अजय राय जिंदाबाद के नारे लगाते रहे।
वाराणसी से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सामना करेंगे। अजय राय पिछले 20-25 साल से वाराणसी के मजबूत स्थानीय नेता के तौर पर जाने जाते हैं। इसके बावजूद मोदी लहर में 2 बार 5 लाख से ज्यादा वोटों से हार गए। 3 बार BJP से ही विधायक रह चुके अजय राय ने 2009 में भाजपा छोड़कर सपा ज्वाइन किया था। क्योंकि उन्हें वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ना था। BJP ने कद्दावर नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी को टिकट दे दिया था, इससे नाराज होकर अजय राय सपा के खेमे में चले गए।
बहरहाल, 2009 में सांसदीय चुनाव लड़ा और हार गए। इस तरह से अब तक कुल 3 बार हार के बाद चौथी बार वे वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने तीसरी बार अजय राय पर भरोसा जताया है।
अजय राय ने भी अपने X हैंडल पर पोस्ट किया है, "पार्टी के भरोसे का आभार, वे लड़ेंगे और जीतेंगे।" फिर सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। अजय राय के समर्थक मानते हैं कि इस बार वो पिछले चुनाव से भी बेहतर लड़ेंगे।
राहुल गांधी के 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' का काफी फायदा देखने को मिल सकता है। साथ ही बेरोजगारी और पेपर लीक जैसे मुद्दों पर भी अजय राय बढ़त ले सकते हैं।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिस सीट से मोदी जैसे नेता चुनाव लड़ेंगे, तो वहां पर न तो जातिवाद का सिक्का चलता है और न ही देशव्यापी मुद्दे। लोग अपने शहर का विकास और बड़ा चेहरा ही देखते हैं। ऐसे में अजय राय को इस बार के चुनाव में भी खासी मशक्कत करनी होगी।
अजय राय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ साल 2014 और 2019 में 5 लाख से ज्यादा वोटों से हारे थे। प्रधानमंत्री मोदी को वाराणसी लोकसभा सीट से 2014 में कुल 5,81,022 वोट मिले थे, जबकि अजय राय को सिर्फ 75,614 वोट ही मिल सके थे। वह तीसरे नंबर पर आए थे, दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल थे, जिन्हें 2 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। फिर अजय राय 2014 में 505386 तो 2019 में 517,802 वोटों से हारे। पिछली बार हार का अंतर कुछ कम हुआ। 12416 वोटों की बढ़त मिली थी।