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बीजेपी ने मेरठ से रामायण के राम अरुण गोविल को बनाया प्रत्याशी, जानें इनका जीवन परिचय

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, मेरठ. भगवान राम का किरदार निभाकर दर्शकों के दिल में बस जाने वाले अरुण गोविल को भाजपा ने मेरठ लोकसभा से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। मेरठ में वैश्य और गाजियाबाद से भी वैश्य समाज का प्रत्याशी उतारा है।  
अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को मेरठ कैंट में हुआ। उनके पिता पेशे से इंजीनियर थे। अरुण गोविल की पढ़ाई-लिखाई सहारनपुर और शाहजहांपुर में हुई। उन्होंने अपनी औपचारिक शिक्षा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में प्राप्त की। उन्होंने इंजीनियरिंग विज्ञान में अध्ययन किया और कुछ नाटकों में अभिनय किया। उनके पिता चाहते थे कि वह एक सरकारी कर्मचारी बनें जबकि अरुण कुछ ऐसा करना चाहते थे जिसके लिए उन्हें याद किया जाए। 
अरुण के पिता श्री चन्द्र प्रकाश गोविल एक सरकारी अधिकारी थे। अरुण छह भाई और दो बहनों में चौथे नंबर के हैं। गोविल ने अभिनेत्री श्रीलेखा से शादी की है। उनके दो बच्चे हैं, सोनिका और अमल हैं।
17 साल की उम्र में वह बिजनेस के सिलसिले में मुंबई गए और अभिनेता बनने के लिए संघर्ष शुरू किया। 
अरुण गोविल घर-घर लोकप्रिय भले ही 'रामायण' सीरियल से हुए लेकिन बड़े पर्दे पर वो काफी पहले 1977 में आई फिल्म 'पहेली' से डेब्यू कर चुके थे। ये फिल्म पारिवारिक फिल्में बनाने वाले प्रोडक्शन हाउस राजश्री प्रोडक्शंस की थी। राम के किरदार ने अरुण को आम से खास बना दिया था। पब्लिक प्लेस पर लोग उनको देखते ही उनके पैरों में गिर जाते थे। दरअसल, लोग उन्हें भगवान राम के रूप में देखने लगे थे और उनका आशीर्वाद चाहते थे। 
रामायण के बाद टीवी इंडस्ट्री में सक्रिय रहे
रामायण के बाद गोविल टीवी इंडस्ट्री में सक्रिय रहे हैं और बाकी कई पौराणिक धारावाहिकों में अभिनय किया। इनमें लव-कुश, विश्वामित्र और बुद्धा नाम के टीवी शो में राजा हरिश्चंद्र का किरदार भी निभाया। टीवी पर उनका दूसरा लोकप्रिय किरदार रहा, 'विक्रम बेताल' का राजा विक्रम। इस शो और अरुण गोविल के किरदार को लोगों ने ख़ूब पसंद किया। अरुण, 'श्रद्धांजलि', 'इतनी सी बात', 'जियो तो ऐसे जियो' 'सावन को आने दो' जैसी कई फिल्मों में भी नजर आए।
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