गाजीपुर में वृद्ध विधवा महिला से पुलिसकर्मी ने की 60 लाख की धोखाधड़ी, जानें मामला
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जनपद के सैदपुर (Saidpur News) में एक वृद्ध विधवा महिला के साथ एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है। वृद्ध महिला ने अपने टीवी से ग्रस्त दो जवान पुत्रों के इलाज के लिए अपनी 30 बिस्वा जमीन 60 लाख रुपए में बेच दी। लेकिन जब जरूरत पर पैसा निकालने बैंक पहुंची, तो बैंक खाता खाली मिला। इस दौरान इलाज के अभाव में उसके दोनों बेटों की मौत हो गई। पीड़िता ने जमीन 2012 में बेची थी और पैसा निकालने 10 साला बाद पहुंची तो बैंक खाता खाली मिला।
प्राप्त जानकारी अनुसार गाजीपुर जनपद के सैदपुर नगर के वार्ड संख्या 14 में पीड़िता आशा पाठक पत्नी स्वर्गीय अमरनाथ पाठक का घर है। आशा पाठक का पूरा परिवार लंबे समय से टीवी रोग से ग्रसित है। इसी के कारण लगभग 25 वर्ष पूर्व पति की मौत हो गई। उसके बाद तीन पुत्र वेद प्रकाश, जय प्रकाश और रवि प्रकाश में एक-एक कर, तीनों की मौत हो गई। अभी एक सप्ताह पूर्व ही आशा पाठक के सबसे बड़े और आखरी पुत्र जयप्रकाश (46) की मौत हुई है।
आशा पाठक ने बताया कि जब पति की मौत के 8 वर्ष बाद एक पुत्र की मौत हो गई, तो मैने अपने बचे हुए दो पुत्रों का सही से इलाज कराने के लिए, रावल गांव में चोचकपुर मार्ग पर स्थित अपनी 30 बिस्वा जमीन ₹2 लाख बिस्वा के रेट से 60 लाख रूपये में तयकर एक पुलिसकर्मी की मां के नाम से रजिस्ट्री कर दिया। तब मुझे बैंक ले जाकर के उन लोगों ने मेरा खाता खुलवाया और कहा कि सारा पैसा खाते में चला गया है। इसके बाद मैंने रजिस्ट्री ऑफिस में बोल दिया कि पैसा आ गया है। मुझे ना पासबुक दिया ना ही कोई कागज।
यह सब कुछ बीते वर्ष 2012 में हुआ। इसके 3 वर्ष बाद मेरे दूसरे पुत्र रवि प्रकाश की हालत अचानक खराब हो गई। इसके बाद मोहल्ले के लोगों के सहयोग से उसे बीएचयू में भर्ती कराया गया। पैसे का बहुत अभाव था, लेकिन मेरे पास ना पासबुक था ना कुछ। अंत में बेटे की मौत हो गई। 15 दिन पहले अंतिम बेटे जयप्रकाश की भी तबीयत अचानक बिगड़ गई। तब मैंने अलग रह रहे, अपने देवर के परिवार से सहयोग मांगा। सभी ने बैंक में जाकर नाम से पता लगाया, तो खाता खाली मिला।
पता चला रजिस्ट्री के दिन खाते ₹7 लाख 30 हजार जमा किए गए थे। जो वर्ष 2015 में ही मेरे यहां रह रहे एक किराएदार के खाते में ट्रांसफर हो गए थे। जिसका मुझे कुछ पता नहीं है। इस तरह खाता खाली मिला। अंततः पैसों की कमी के कारण बेटे जयप्रकाश की भी इलाज के अभाव में 10 दिन पूर्व मौत हो गई। अब उसकी 13वीं कैसे होगी, इसकी चिंता लगी है। मेरे साथ इतना बड़ा धोखा हुआ कि जमीन बेंचकर भी अपने पुत्रों का दवा ईइलाज नहीं करा सकी। तीन दिन हो गया पुलिस थाने में शिकायत किये, अभी तक कुछ नहीं हुआ।
पीड़ित वृद्ध महिला के देवरा विजय शंकर पाठक ने बताया कि इस सब के पीछे गहरी साजिश है। भाभी के घर में रहने वाले किराएदार शशि नाथ पाठक ने ही पहले हम लोगों से झगड़ा कराकर इन्हें अलग कराया। इसके बाद सैदपुर के पाही पर निवासी एक पुलिसकर्मी को जमीन 60 लाख में बिकवाई। जिसमें सिर्फ ₹7 लाख 50 हजार ही उनके खाते में आया, उसे भी अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया।
पीड़ित महिला के आरोपी शशि नाथ पाठक ने बताया कि महिला ने खुद अपना पैसा मेरे खाते में ट्रांसफर किया था। ऐसा उन्होंने अपने देवर से पैसा बचाने के लिए किया था। इसके बाद जरूरत पड़ने पर मैंने उन्हें कई बार पैसे दिए हैं। कुछ पैसे तो उनके ग्रामीण बैंक के एक खाते में भी ट्रांसफर किया है। उनका जो हिसाब बचेगा, उसे वापस कर दूंगा।
महिला ने पूरे मामले की लिखित शिकायत 2 दिन पूर्व सैदपुर कोतवाली पहुंचकर की है। महिला की शिकायत सुनने वाले दरोगा राम प्रकाश यादव ने बताया कि शिकायत प्राप्त हुई है। जिसमें पीड़ित ने तीन लोगों पर जालसाजी का आरोप लगाया है। मामले में जांच की जा रही है।