वाह! दूल्हा हो ऐसा...दूल्हे ने लौटाए दहेज के 5.50 लाख; कहा- दहेज देने वाली मशीन से शादी करने नहीं आया
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में मंगलवार को एक अनोखी शादी हुई। जहां दूल्हे ने समाज के सामने मानवता की अनूठी मिसाल पेश की है। दूल्हे ने सबके सामने दहेज में मिले साढ़े पांच लाख रुपए जस के तस लौटा दिए। इतना ही नहीं दूल्हे ने हाथ जोड़ते हुए कहा कि उसे अपने लिए पत्नी चाहिए, दहेज लाने वाली मशीन से शादी करने नहीं आया है। दूल्हे की नेकदिली ने सबका दिल जीत लिया। दूल्हे ने कहा कि उसके लिए दुल्हन ही दहेज है।
मेरठ जनपद के सरधना में सहारनपुर, बड़गांव, टपरी से बारात आई थी। टपरी निवासी मास्टर कुशलपाल सिंह के बेटे मनीष पुंडीर (24) साल की बारात मेरठ पहुंची। मेरठ में सरधना के गांव रार्धना में शादी थी। यहां सुनील सोम की बेटी मीना सोम से मनीष की शादी होनी थी। बारात आने के बाद टीका प्रथा हुई। रस्म के वक्त जब दुल्हन पक्ष 5.51 लाख रुपए की थाली लेकर दूल्हे के पास पहुंचा तो उसने थाली में से सिर्फ 551 रुपए शगुन के तौर पर स्वीकार कर लिए।
दूल्हे ने इसके बाद थाली उठाकर टीके की सारी राशि ससम्मान लौटा दी। जब दूल्हा टीके की रकम लौटाने लगा तो लड़की पक्ष घबरा गया। दुल्हन के पिता को लगा कि लड़के वालों को और रकम चाहिए इसलिए नाराज हो गए हैं। जब उन्होंने दूल्हे से पूछा बेटा क्या हुआ, हमसे कोई गलती हुई है। तो दूल्हे ने कहा कि उसके लिए दुल्हन ही दहेज है। दूल्हा बोला वो शादी, बारात में फिजूलखर्ची नहीं चाहता। इसलिए अपने साथ केवल 21 बाराती लाया है। दूल्हे मनीष पुंडीर व उसके बड़े भाई आशीष पुंडीर ने दहेज को एक सामाजिक बुराई बताया।
दूल्हा मनीष के बड़े भाई आशीष सामाजिक कार्यकर्ता हैं। सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं। आशीष पूर्व में सहारनपुर जिला पंचायत के वार्ड 35 से चुनाव लड़ चुके हैं। दूल्हा मनीष बीए फाइनल का छात्र है और सेटरिंग की दुकान भी करता है, जबकि दुल्हन भी ग्रेजुएट है। समाज के लोगों ने इसकी प्रशंसा करते हुए सराहनीय कदम बताया है।