गाजीपुर में नायब सूबेदार को नम आंखों से दी गई विदाई, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के कासिमाबाद कोतवाली क्षेत्र के महरौड बंगालपुर निवासी नायब सूबेदार योगेश राजभर का पार्थिव शरीर रविवार की सुबह उनके गांव पहुंचा, जहां हजारों लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। इस अवसर पर गोरखा रेजिमेंट 39 जीटीसी वाराणसी के जेसीओ धन वीडीआर राणा और अभिषेक कुमार के नेतृत्व में 7 सदस्यीय टुकड़ी ने शहीद की पत्नी शीला देवी को देश के बलिदान का प्रतीक तिरंगा झंडा सौंपा।
इस मौके पर वहां मौजूद हजारों लोगों ने भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा योगेश राजभर तेरा नाम रहेगा जैसे नारों की जयकारा लगाते रहे। इस दौरान कासिमाबाद नायब तहसीलदार अनुराग यादव और ग्राम प्रधान अमित राय सहित क्षेत्र से सैकड़ों लोगों ने अंतिम विदाई दी। पार्थिव शरीर को गौसपुर स्थित गंगा घाट पर लाया गया जहां पर उनके बड़े पुत्र भानु प्रताप राजभर ने मुखाग्नि दी। इस अवसर पर गोरखा रेजिमेंट से पहुंचे जवानों ने अंतिम सलामी दी।
योगेश राजभर 1998 में थल सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह 305 एम सी कोर गुवाहाटी असम में तैनात थे। भतीजे की शादी में सम्मिलित होने के लिए 18 फरवरी को छुट्टी लेकर घर आए हुए थे। लेकिन एक सप्ताह से डेंगू की चपेट में आ गए। 7 मार्च को प्लेटलेट्स काफी कम होने के बाद परिजनों ने लखनऊ कमांड हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां पर 8 मार्च को निधन हो गया। उनके निधन के बाद पत्नी शीला देवी सहित पुत्र भानु प्रताप, अभय प्रताप तथा राम प्रताप का रो-रोकर बुरा हाल है।