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कोचिंग संचालक ने की थी छात्रा की हत्या, गर्भपात से मना करने पर हुआ था आगबबूला; पढ़े कबूलनामा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन की बोगी में मिली मोनिका पाल की लाश मामले में वाराणसी पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मोनिका की हत्या उसके कोचिंग संचालक ने की थी और हत्या को छिपाने के लिए लाश को बोरे में सिलकर इंटरसिटी ट्रेन के शौचालय में रख दिया था। आरोपी की पहचान संजय पटेल के रूप में हुई है।
पुलिस ने लड़की के मोबाइल के कॉल डिटेल के आधार पर जांच की और आरोपी को धर दबोचा गया। पुलिस ने आरोपी कोचिंग संचालक संजय पटेल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। संजय ने पूछताछ में अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है।
आइये जानते हैं कैसे हुआ खुलासा
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि किशोरी ने मोबाइल से अंतिम बार कोचिंग संचालक से ही बात की थी। इस आधार पर उसे थाने पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन उसने पूछताछ में कहा था कि किशोरी उसके घर आयी ही नहीं। इसके दूसरे दिन ही वह अपने दोनों बच्चों के साथ फरार हो गया जबकि उसकी बेटी का हाईस्कूल का एग्जाम था। ऐसे में पुलिस का शक गहरा गया गया और उसका मोबाइल सर्विलांस पर डाला तो उसकी लोकेशन दक्षिण भारत में मिली, जिसके बाद पुलिस ने उसे ट्रेस कर हिरासत में लिया। पूछताछ में वह टूट गया।
19 फरवरी को बनारस रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-5 पर इंटरसिटी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में एक जूट के बोरे में किशोरी का हाथ-पैर बंधा शव मिला था। देर रात लगभग 12:40 बजे स्टेशन मास्टर ने जीआरपी चौकी प्रभारी धनंजय मिश्र को गाड़ी संख्या 15108 के जनरल बोगी में बोरे में बंधी कोई वस्तु पड़े होने की सूचना दी थी। तब बोरे से दुर्गंध आ रही थी।
सूचना पर सक्रिय हुई GRP और RPF द्वारा बनारस रेलवे पुलिस की मदद से बोरे को खोलकर देखा तो उसमें लगभग 16 वर्षीय अज्ञात युवती की लाश मिली। उसके हाथ और पैर में रस्सी बंधी हुई थी। मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने भी जांच की थी।
मोनिका पाल के पिता पुनवासी पाल ने बताया बताया था कि मोनिका 19 फरवरी (सोमवार) को सुबह 11 बजे अपनी सहेली के घर गोसाईपुर गांव जाने को कहकर निकली थी। वह बोली कि वहां किताब देने जा रही हूं। इतना ही कहकर वह घर से निकल गई।

जब देर शाम तक जब वह घर वापस नहीं लौटी तो हम सभी घर वाले परेशान होने लगे। घर में सभी को उसकी चिंता होने लगी। हमने सभी जगह फोन करना शुरू कर दिया लेकिन मोनिका का कहीं अता-पता नहीं चला।

21 फरवरी को हुई मोनिका के लाश की पहचान

21 फरवरी को किशोरी के शव की पहचान हुई और उसके बाद पोस्टमॉर्टम कराया गया। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि किशोरी गर्भवती थी और दम घुटने से उसकी मौत हुई थी। घटना के कुछ दिन बाद कॉल डिटेल के आधार पर संदिग्धों से पूछताछ की गई।

पुलिस के रडार पर क्षेत्र का ही एक कोचिंग संचालक था, जो घटना के बाद से भूमिगत हो गया था। पुलिस जांच में पता चला कि किशोरी उसके यहां पढ़ने जाती थी। इसी वजह से उस पर पुलिस का शक गहरा हो गया। आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद कोचिंग संचालक को पकड़ा गया।

इसके बाद 22 फरवरी को ही शाम को आक्रोशित लोगों ने किशोरी की लाश को कपसेठी चौराहे पर रखकर सड़क जाम कर दिया। लोगों ने मोनिका के हत्यारों को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी की।

लोगों ने आने जाने वाली गाड़ियों को रोक दिया। जिससे 1 घंटे तक कपसेठी मार्ग पर आवागमन बाधित रहा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। तब जाम खत्म हुआ।

ACP राजातालाब अजय श्रीवास्तव ने बताया कि 10 साल पहले कोचिंग संचालक संजय पटेल क्षेत्र के ही एक स्कूल में शिक्षक था। वहां छात्रा से अश्लील हरकर करने के बाद उसे हटाया गया था। इसके बाद उसने कोचिंग सेंटर खोल लिया। छात्रा से कोचिंग संचालक का छह महीने से संबंध था, जिसके चलते वह गर्भवती हो गई थी।

DCP गोमती जोन ने पुलिस टीम को 25 हजार रुपए इनाम की घोषणा की है। मृतका के पिता ने रोते हुए आरोपी को फांसी देने की मांग की। पुलिस टीम में क्राइम ब्रांच प्रभारी मनीष मिश्रा, SO कपसेठी राजीव कुमार सिंह, समेत अन्य अधिकारी टीम में शामिल रहे।
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