Today Breaking News

क्या आप जानते हैं घोसी लोकसभा से बसपा सांसद अतुल राय के नाम एक रिकॉर्ड दर्ज हुआ है, पढ़े पूरी खबर

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. पूर्वांचल के नेता समय-समय पर प्रदेश और देश भर में सुर्खियों में बने रहते हैं। मालूम हो कि 6 मार्च को जौनपुर के पूर्व बसपा सांसद धनंजय सिंह को रंगदारी और अपहरण के मामले में अदालत ने 7 वर्ष के कठोर कारावास और डेढ़ लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। 
 
वहीं, गाजीपुर जिले के मूल निवासी और घोसी के मौजूदा बसपा सांसद अतुल राय देश भर में इकलौते ऐसे सांसद हैं जो 17वीं लोकसभा के पांच वर्ष के 15 सत्रों में महज तीन दिन ही संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज करा पाए। इसके साथ ही अतुल राय के नाम यह अनचाहा रिकॉर्ड भी है कि वह जबसे सांसद चुने गए हैं, तबसे अब तक अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के बीच एक दिन भी नहीं गुजार पाए।
गाजीपुर जिले के वीरपुर गांव के मूल निवासी अतुल राय वर्ष 2019 में घोसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से बसपा से सांसद चुने गए थे। मतदान और चुनाव परिणाम आने से पहले ही अतुल राय के खिलाफ एक मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। 
चुनाव परिणाम घोषित हुआ और अतुल राय ने जिला अदालत से लेकर उच्चतम न्यायालय तक भागदौड़ की, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। लिहाजा, 22 जून 2019 को उन्होंने वाराणसी के सिविल कोर्ट में समर्पण कर दिया। उसके बाद से लेकर गत जनवरी माह तक अतुल जेल की सलाखों के पीछे ही रहे। 
29 जनवरी 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अतुल राय को मेडिकल आधार पर 22 मार्च तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया है। साथ में यह शर्त भी लगाई है कि वह किसी पब्लिक मीटिंग या रैली में नहीं शामिल होंगे।
संसद की वेबसाइट के अनुसार सांसद अतुल राय 17वीं लोकसभा के तीसरे सत्र में 31 जनवरी 2020 को शपथ लेने के लिए उपस्थित थे। उसके बाद 17वीं लोकसभा के 15वें और आखिरी सत्र में अतुल राय छह और आठ फरवरी 2024 को उपस्थित थे। इस बीच पांच साल में उन्होंने संसद में न कोई सवाल पूछा और न किसी बहस में शामिल हुए।
घोसी की जनता के बीच हम लगातार मौजूद हैं
सांसद अतुल राय के प्रतिनिधि गोपाल राय ने कहा कि निश्चित तौर पर हमारे नेता अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के बीच नहीं आ सके और संसद में भी उपस्थित नहीं रह सके। मगर, घोसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की जनता को हमने उनकी कमी नहीं महसूस होने दी। कोरोना काल में घोसी की जनता के बीच सर्वाधिक सक्रियता हमारी रही।
'