इटली से आकर बनारस में पाउले और ग्राजिया ने लिए 7 फेरे; 7 जन्मों तक निभाएंगे सातों वचन
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. दो इटैलियंस ने महा शिवरात्रि पर काशी में हिंदू परंपरा से शादी की। सात जन्मों तक सातों वचन निभाने का वादा किया गया। लाल जोड़े में इटली की दुल्हन और सफारी सूट में दूल्हे ने एक-दूसरे के गले में जयमाला डाला। सात फेरे लिए, कन्यादान, लावा परछन और सिंदूर दान जैसी सारी रस्में निभाई। अब दोनों कश्यप गोत्र के हो गए। क्योंकि, जिनक गोत्र पता नहीं होता वो कश्यप गोत्र के होते हैं।
बहरहाल, शादी के दौरान, पंडित द्वारा पढ़े जा रहे शादी के मंत्रों को ग्राजिया के फ्रेंड ने इंग्लिश में पढ़कर सुनाया और उसके नियम बताए। वहीं, दुल्हन और दूल्हे का नकली परिवार भी बनाया गया। बाबा विश्वनाथ की नियमित भोग आरती करने वाला नार कोट दल भी इस जोड़े को आशीर्वाद देने पहुंचा। दोनों इटैलियंस को एहसास हुआ कि हिंदू धर्म में होने वाली शादी का रिश्ता कुछ ज्यादा ही अटूट होता है।
ये शादी वाराणसी के गोदौलिया स्थित विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत धन्नी गुरु के यहां हुई। पंडित धन्नी गुरु ने शादी के पूरे मंत्र पढ़े और विवाह को नियम के अनुसार पूरा कराया। दूल्हे को सात वचनों को निभाने की ताकीद भी की। 2 घंटे में शादी हो गई। दोनों कपल्स अब इटली वापस जाएंगे। डाॅ. पाउलो इटली में कार्डियोलॉजी के डॉक्टर हैं। गार्सिया एक योग टीचर हैं। 10 साल से दोनाें एक-दूसरे के काफी नजदीक थे। 3 मार्च को उन्हाेंने इटली में क्रिश्चिश्यन रीति से चर्च में शादी की थी। लेकिन, उनकी इच्छा थी कि सनातनी बनकर शादी के सातों फेरे लें।
क्षेत्रीय निवासी पद्मा देवी ने ग्राजिया को अपनी बेटी माना। पाउले के हवाले कर दिया। दुल्हन के पिता विजय कुमार और भाई और लावा परछने का काम अक्षत ने किया। द्वाराचार, वरमाला, लावा परछाई, फेरा, सिंदूरदान से विदाई तक के विधान किए गए। ग्राजिया के गुरुभाई विजय वाजपेयी दोनों जोड़ों को मंत्रों का अर्थ बताते रहे। दुल्हा के पिता की भूमिका रमेश शर्मा ने निभाई। दुल्हन ग्राजिया का काशी से खास नाता भी रहा है। काशी के ही लाहिड़ महाशय की शिष्य परंपरा से जुड़ी रही हैं। ग्राजिया काशी के ही शिवेंदु लहरी से दीक्षित हुईं हैं। इसलिए भी काशी के प्रति उनका झुकाव पहले से था। हालांकि काशी इससे पहले कभी आई नहीं थीं।
महाशिवरात्रि पड़ गया शुभ मुहूर्त
विजय वाजपेयी ने कहा कि वो ग्राजिया के गुरु भाई हूं। इन्होंने मुझसे इच्छा जाहिर की कि उनकी शादी हिंदू परंपरा से हो। तो मैंने विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत धन्नी गुरु जी से मिलकर शादी कराने की बात कही। आज हम लोगों ने शुभ मुहूर्त महाशिवरात्रि पर इनकी शादी संपन्न करा दी। यहां पर इनको सारे रिश्ते भी मिल गए हैं। पाउले मशीन डेवलप करते हैं, जो कि हार्ट के गंभीर रोगों में ब्लड में ऑक्सीजन सप्लाई करते हैं।