माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी गैंगस्टर झुन्ना पंडित सहित 8 हत्यारोपियों को उम्रकैद
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में दिनदहाड़े गोली मारकर चाय विक्रेता की हत्या करने वाले गैंगस्टर और मुख्तार के करीबी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। वाराणसी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी श्रीप्रकाश मिश्रा उर्फ झुन्ना पंडित सहित 8 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं केस में साक्ष्य के अभाव में 9 आरोपियों को बरी भी किया गया है।
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श्रीप्रकाश मिश्रा उर्फ झुन्ना पंडित अभी कासगंज जेल में बंद है, जहां उम्रकैद की सजा काटेगा। |
वाराणसी में हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड मामले में अभियोजन की ओर से विनय सिंह और एडीसी क्रिमिनल आलोक श्रीवास्तव ने दलीलें पेश कीं। वही, आरोपियों के वकील नीरज कुमार राय ने पैरवी की। सजा के बाद मृतक के परिजनों ने कोर्ट के फैसले पर आभार जताया।
कैंट थाना क्षेत्र मढ़वा गांव में 3 सितंबर 2019 की दोपहर अंधाधुंध फायरिंग से इलाका थर्रा उठा। चाय-पान की गुमटी में बैठे दिव्यांग दिलीप पटेल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दिलीप के छोटे भाई प्रदीप पटेल की तहरीर पर कैंट थाने में इनामी बदमाश झुन्ना पंडित, रवि पटेल और छह अज्ञात के खिलाफ मर्डर की एफआईआर दर्ज की गई।
मामले की वजह साढ़े तीन लाख रुपए का लेनदेन बताया जाता है। पुलिस के अनुसार 28 अगस्त 2019 की रात शराब के नशे में झुन्ना ने राजेश को फोन किया तो उसने पैसा देने से मना कर दिया। नशे में धुत झुन्ना गुस्से में आ गया और राजेश पटेल को अगवा कर उसकी पिटाई कर दी। राजेश के साथ मृत दिलीप का छोटा भाई प्रदीप भी था। राजेश की पिटाई के बाद प्रदीप ने झुन्ना और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।
इसके बाद झुन्ना पंडित अपने गुर्गों के साथ 3 सितंबर 2019 को प्रदीप पटेल को खोजते हुए उसके भाई दिलीप की दुकान पर पहुंच गया। झुन्ना और रवि पटेल ने प्रदीप के बारे में पूछा तो दिलीप से नोंकझोक हो गई। अपशब्दों से आक्रोशित झुन्ना और रवि ने उस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। झुन्ना समेत सभी हमलावर स्कार्पियो से नई दिल्ली फिर जयपुर भाग निकले। हालांकि बाद में वह दबोच लिया गया।
इसके बाद पुलिस ने दबिश देकर 15 लोगों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया था। केस में 5 साल तक ट्रायल चला और रवि पटेल, श्रीप्रकाश मिश्रा उर्फ झुन्ना पंडित, दीपक पटेल, नीरज पटेल उर्फ टुनटुन, दीपक राजभर उर्फ मान्या, संजय पटेल, शैलेश पटेल व राकेश विश्वकर्मा को कोर्ट ने दोषी पाया। आठों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।