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गाजीपुर जिले में आंधी तूफान के साथ हुई बारिश, अगले 5 दिनों तक बादल छाए रहेंगे

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में मंगलवार की देर रात मौसम के तेवर बदलते ही आंधी तूफान के साथ बारिश होने लगी। जबकि दो सप्ताह से ठंड से लोगों को निजात मिल गई थी। लेकिन एक बार फिर मौसम के बदलने के कारण लोग गर्म कपड़े निकालने के लिए मजबूर हो गए हैं। देर रात बारिश होने के कारण बुधवार की सुबह आसमान में बादल छाया रहा। जिससे बारिश के आसार दिख रहे थे।

वहीं देर रात तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने किसानों की चिंताए बढ़ा दी है। खेतों में सरसों के फसल गिरे पड़े हैं। तो वहीं आलू की फसल की खुदाई का समय होने के कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई है।

पीजी कॉलेज गाजीपुर के वैज्ञानिक कपीलदेव शर्मा ने संवाददाता से बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक आगामी 5 दिनों का मौसम पूर्वानुमान के अनुसार हल्के बादल छाए रहने की संभावना के साथ बूंदा-बांदी से हल्की बारिश होने की सम्भावना है। अधिकतम तापमान 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड और न्यूनतम तापमान 10 से 15 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की संभावना है, तथा पश्चमी हवा औसत 08 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा से चलने की उम्मीद है।

उन्होंने आगे कहा कि केला की सूखी एवं रोगग्रस्त पत्तियों को काटकर खेत से अलग कर दें तथा प्रति केला 200 ग्राम यूरिया, 200 ग्राम मुरेट ऑफ पोटाश एवं 100 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग करें। आगामी समय में बूंदा-बांदी से हल्की बारिश होने की संभावना है। इसलिए किसान भाई मौसम को देखते हुए कृषि कार्य संपन्न करें।

खरपतवार नियंत्रण करने के लिए रासायनिक का प्रयोग करें

उन्होंने कहा कि सरसों की फलियां पीली पड़ने पर फसल की कटाई सही समय पर कर लें, अन्यथा दाने बिखरने लगेंगे। फसल की मड़ाई, अच्छी तरह सुखाने के बाद ही करें। भिंड की अगेती किस्म की बुवाई फरवरी से मार्च के बीच करते हैं। कतार से कतार दूरी 25-30 सेमी और कतार में पौधे की बीच की दूरी 15-20 सेमी रखनी चाहिए। बोने के 15-20 दिन बाद पहली निराई गुड़ाई करना जरुरी रहता है। खरपतवार नियंत्रण के लिए रासायनिक का भी प्रयोग किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि आलू की फसल तैयार होने की अवस्था में है। इसलिए किसान भाई अपने फसल के परिपक्वता की अवस्था को देखते हुए खुदाई से 7 से 10 दिन पहले ऊपर का पत्ता काटकर हटा दें ताकि आलू सख्त हो एवं उसका छिलका भी भली-भांति परिपक्व हो जाए। ऐसे आलू को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
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