एक्सप्रेसवे पर सफर होगा महंगा, टोल दरों में 5 से 10% की वृद्धि की संभावना
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. नए वित्त वर्ष (2024-25) से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे पर सफर करना महंगा हो जाएगा। इन एक्सप्रेस वे पर टोल दरों में 5 से 10% की वृद्धि होने की संभावना है।
टोल दरों में वृद्धि का निर्णय:
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) के पास एक्सप्रेस वे पर टोल रेट वसूलने का अधिकार है।
टोल की दरों में वृद्धि का अधिकार भी प्राधिकरण के पास है।
नए वित्त वर्ष 24-25 में टोल दरों की समीक्षा के लिए प्राधिकरण एक सलाहकार कंपनी का चयन करेगा।
यह कंपनी टोल दरों में वृद्धि की रिपोर्ट देगी।
टोल की नई दरें थोक महंगाई दर (WPI) के आधार पर तय की जाएंगी।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे:
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के टोल की दरें टोल प्लाजा की लोकेशन, टोल प्लाजा के बीच की दूरी और लागत के आधार पर तय करने का काम भी सलाहकार कंपनी का होगा।
वृद्धि का कारण:
टोल दरों में वृद्धि का मुख्य कारण बढ़ती लागत और थोक महंगाई दर में वृद्धि है।
एक्सप्रेस वे के रखरखाव और संचालन की लागत को पूरा करने के लिए टोल दरों में वृद्धि आवश्यक है।
प्रभाव:
टोल दरों में वृद्धि से आम लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
यात्रा का खर्च बढ़ जाएगा।
कुछ लोग एक्सप्रेस वे का इस्तेमाल करने से बच सकते हैं।
सुझाव:
सरकार को टोल दरों में वृद्धि को कम करने के लिए उपाय करने चाहिए।
टोल प्लाजा की संख्या कम करने पर विचार किया जाना चाहिए।
इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
टोल दरों में वृद्धि एक अप्रिय घटना है। सरकार को आम लोगों पर आर्थिक बोझ को कम करने के लिए उपाय करने चाहिए।
अतिरिक्त जानकारी:
- टोल दरों में वृद्धि हर साल होती है।
- पिछले साल टोल दरों में 5% की वृद्धि हुई थी।
- एक्सप्रेस वे पर टोल दरें वाहन के प्रकार और दूरी के आधार पर तय की जाती हैं।
- यह जानकारी आपको उपयोगी लगी होगी।
यहां कुछ अन्य सुझाव दिए गए हैं:
सरकार को टोल दरों में वृद्धि को कम करने के लिए सब्सिडी देनी चाहिए।
टोल प्लाजा पर टोल जमा करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए।
टोल प्लाजा पर जाम की समस्या का समाधान किया जाना चाहिए।