जो आप सोच रहे हैं, वही सही है...सपा मुखिया ने गाजीपुर जिले से माफिया मुख्तार के भाई अफजाल को उतारा
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस बार 11 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है। इनमें मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक, आंवला से नीरज मौर्य, शाहजहांपुर से राजेश कश्यप, हरदोई से उषा वर्मा, मिश्रिख से रामपाल राजवंशी, मोहनलालगंज से आरके चौधरी, प्रतापगढ़ से डॉ. एसपी सिंह पटेल, बहराइच से रमेश गौतम, गोंडा से श्रेया वर्मा, गाजीपुर से अफजाल अंसारी, चंदौली से वीरेन्द्र सिंह का नाम है।
समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची 30 जनवरी को जारी की थी। इसमें 16 उम्मीदवारों के नाम थे। इनमें तीन प्रत्याशी यादव परिवार से थे। मुलायम सिंह यादव की सीट मैनपुरी से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ेंगी। डिंपल अभी भी वहीं से सांसद हैं। इसके अलावा बदायूं से धर्मेंद्र यादव का नाम था। बहुजन समाज पार्टी से दो बार विधायक रहे नीरज मौर्य को अब सपा ने बरेली की आंवला लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। नीरज मौर्य बसपा में दो बार विधायक रहे हैं। वह 2 साल से सपा में हैं। शाहजहांपुर जिले की जलालाबाद विधानसभा से विधायक रहे हैं। पिछले कुछ समय से आंवला की राजनीति में सक्रिय भूमिका में हैं। 15 अक्टूबर 2017 को वह BSP छोड़कर भाजपा में शामिल हुए।
2 साल पहले उन्होंने भाजपा को भी छोड़ दिया था। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले नीरज मौर्य भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए, और अब समाजवादी पार्टी ने उन्हें आंवला सीट पर लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। 2007 में वह पहली बार शाहजहांपुर जिले की जलालाबाद विधानसभा से विधायक बने थे। लगातार दो बार विधायक चुने गए।
फैजाबाद में जन्मे आरके चौधरी की गिनती उत्तर प्रदेश के बड़े राजनेताओं में की जाती है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बीएसपी से की थी। वह इसके संस्थापक सदस्य भी थे। उन्होंने कांशीराम का करीबी माना जाता था।
आरके चौधरी अंबेडकरवादी और समाजवादी विचारों के लिए लोकप्रिय हैं। वह बीएसपी की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह मोहनलाल गंज सीट से तीन बार लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत अपना चुके हैं। हालांकि, तीनों बार उन्होंने हार का मुंह देखना पड़ा।
2019 में वह मायावती के साथ मनमुटाव के चलते वह कांग्रेस में शामिल हो गए और लोकसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव की साइकिल पर सवार होने का फैसला किया और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी की शादी 26 अक्टूबर 1991 को फरहत अंसारी से हुई थी। अफजाल और फरहत की तीन बेटियां हैं। वहीं, अफजाल के बड़े भाई का नाम सिबगतुल्लाह अंसारी है, जो समाजवादी पार्टी के नेता और मोहम्मदाबाद के पूर्व विधायक हैं। अफजाल के परिवार का सबसे खूंखार सदस्य उनका छोटा भाई मुख्तार अंसारी है। जो माफिया डॉन है और इसने हत्या, अपहरण जैसे संगीन अपराधों को अंजाम दिया है।
अफजाल अंसारी पांच बार विधायक और दो बार सांसद, अफजाल अंसारी की अपनी यही एक सबसे बड़ी पहचान है। अंसारी का परिवार बेहद संपन्न रहा है। उनके दादा मुख्तार अहमद अंसारी वर्ष 1926 से 1927 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के अध्यक्ष रहे।
ये वही नाम है जो नई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया के संस्थापकों में से एक थे। अफजाल और मुख्तार के पिता का नाम सुभानुल्लाह अंसारी, जो गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद नगर पालिका परिषद के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति मो. हामिद अंसारी अफजाल अंसारी के चचेरे भाई हैं।
दिवगंत नेता बेनी प्रसाद वर्मा की पोती और पूर्व मंत्री राकेश वर्मा की पुत्री श्रेया वर्मा को सपा ने गोंडा से लोक सभा उम्मीदवार बनाया गया है। श्रेया वर्मा इन दिनों वो अपने पिता राकेश वर्मा के लिए कुर्सी विधानसभा से कुर्सी दिलाने के लिए सपा उम्मीदवार को जिताने के लिए वोट की अपील कर रही हैं।
श्रेया वर्मा की फोटो |
साथ ही अपने दिवंगत बाबा बेनी प्रसाद वर्मा के जरिए राजनीति में एक अलग पहचान बनाने में लगी हैं। मुलायम के करीबी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत नेता बेनी प्रसाद वर्मा की तीसरी पीढ़ी भी राजनीतिक मैदान मेंआ चुकी है।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने जीवित रहते अपने पुत्र राकेश वर्मा को विधायक और कैबिनेट मंत्री बनवाकर उन्हें स्थापित किया था, यह उनके राजनीतिक कद का ही असर है कि समाजवादी पार्टी मुखिया ने बेनी के पुत्र राकेश वर्मा को कुर्सी विधानसभा से टिकट दिया है।